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45 स्टेशनों पर एक स्टेशन एक उत्पाद योजना, वोकल फॉर लोकल को मिलेगा बढ़ावा
jantaserishta.com
10 May 2022 1:23 PM GMT
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वोकल फॅार लोकल को बढ़ावा मिलेगा, आत्मनिर्भर भारत बनने की ओर अग्रसर.
जबलपुर: रेलवे बोर्ड के निर्देशानुसार सम्पूर्ण भारतीय रेलवे में "एक स्टेशन एक उत्पाद" योजना का विस्तार करते हुए लगभग 1000 रेलवे स्टेशनों पर लागू करने की योजना है। इसी श्रंखला में पश्चिम मध्य रेल के तीनों मंडलों जबलपुर, भोपाल एवं कोटा में कुल 45 रेलवे स्टेशनों पर एक स्टेशन एक उत्पाद योजना बनाई।
इस योजना के तहत स्थानीय उत्पाद एवं व्यापार को प्रोत्साहन देने के लिए रेलवे स्टेशनों पर एक स्टेशन एक उत्पाद योजना लागू की गई है। इस योजना का उद्देश्य स्थानीय उत्पादों और प्राचीन दुर्लभ कलाकृतियों को बढावा देना है। इस व्यवसाय से जुड़े उद्यमो के लिए बेहतर अवसर विकसित करने में मदद करेगा और रेल यात्रियों के लिए भी स्थानीय उत्पाद उपलब्ध कराएगा जो कि आपकी यात्रा में सोवेनियर दिलाएगा और यात्रा अविस्मरणीय रहेगी।
जबलपुर मंडल के 15 रेलवे स्टेशनों पर एक स्टेशन एक उत्पाद लागू करने की योजना है इसके अतंर्गत जबलपुर स्टेशन पर संगमरमर की मूर्ति और उसके उत्पाद, पिपरिया स्टेशन पर हैंडीक्राफ्ट, सतना स्टेशन पर पापड़, अचार, मुरब्बा, आंवला, कैंडी इत्यादि, सागर स्टेशन पर पूजन सामग्री, दमोह स्टेशन पर हर्बल प्रोडक्टस, मड़वासग्राम स्टेशन पर बांस के खिलौने, क्ले टॉय, कटनी स्टेशन पर पत्थर की नक्काशी (स्टोन कर्विंग), कटनी मुड़वारा स्टेशन पर टॉय एंड डॉल (खिलौने और गुड़िया), मदन महल स्टेशन पर हैंडीक्राफ्ट्स, ब्यौहारी स्टेशन पर बताशा और करी, नरसिंहपुर स्टेशन पर हैंडीक्राफ्ट्स, करेली स्टेशन पर जैविक गुड़, सुहागपुर स्टेशन पर लकड़ी के खिलौने (वुडन टॉय), मैहर स्टेशन पर महिलाओं के पारम्परिक सामान और आभूषण (वूमेंस ट्रेडिशनल एसेसरीज एंड ज्वैलरी), गाड़रवारा स्टेशन पर रेशम के धागों से बने आभूषण (ज्वेलरी मेड फॉर सिल्क थ्रेड) स्टाल उपलब्ध कराने की योजना बनाई जा रही है।
भोपाल मंडल के 15 रेलवे स्टेशनों पर एक स्टेशन एक उत्पाद लागू करने की योजना है इसके अतंर्गत हरदा स्टेशन पर बांस उत्पाद, इटारसी स्टेशन पर लकड़ी के खिलौने, जुट के सामान, होशंगाबाद स्टेशन पर स्मारिका, बांस के खिलौने, रानी कमलापति स्टेशन पर हथकरघा और साड़ी, भोपाल स्टेशन पर जरी जरदोजी शिल्प कला, विदिशा स्टेशन पर सांची का स्मृति चिन्ह, गंजबासौदा स्टेशन पर फ्लैगटोन टाइल्स, बीना स्टेशन पर जुट उत्पाद, अशोकनगर स्टेशन पर चंदेरी उत्पाद, गुना स्टेशन पर मसाला और हथकरघा, शाजापुर स्टेशन पर संतरा और उनके उत्पाद बांस के हस्तशिल्प के खिलौने, ब्यावरा राजगढ़ स्टेशन पर हस्तशिल्प उत्पाद, रुठियाई स्टेशन पर हस्तशिल्प उत्पाद, शिवपुरी स्टेशन पर कपड़ा जैकेट, संत हिरदाराम नगर स्टेशन पर बाघ पिं्रट और हथकरघा शिल्प स्टाल उपलब्ध कराने की योजना बनाई जा रही है।
कोटा मंडल के 15 रेलवे स्टेशनों पर एक स्टेशन एक उत्पाद लागू करने की योजना है इसके अतंर्गत भरतपुर स्टेशन पर कच्ची घानी सरसों का तेल, बयाना स्टेशन पर मीठे मलाई के लड्डू, श्री महावीरजी स्टेशन पर जैन दर्शन की साहित्य सामग्री, गंगापुर सिटी स्टेशन पर मीठी खीर मोहन, सवाई माधोपुर स्टेशन पर हस्तशिल्प मुद्रण आइटम, बूंदी स्टेशन पर बूंदी पेंटिंग, बारां स्टेशन पर मांगरोल हथकरघा कपड़ा, कोटा स्टेशन पर कोटा डोरिया साड़ी, डकनिया तलाव स्टेशन पर कोटा डोरिया सूट एवं दुपट्टा, झालावाड सिटी स्टेशन पर मधु सखी झालावाडी हनी, भवानी मंडी स्टेशन पर मधु सखी झालावाडी हनी, शामगढ़ स्टेशन पर हाथ से बने मसाले, चैमहला स्टेशन पर मधु सखी झालावाडी हनी, रामगंज मंडी स्टेशन पर आंवला कैंडी, हिंडौनसिटी स्टेशन पर मीठी मांग मूंग दाल बर्फी इत्यादि का स्टाल उपलब्ध कराने की योजना बनाई जा रही है ।
ज्ञात हो कि पश्चिम मध्य रेलवे के जबलपुर मण्डल के रीवा स्टेशन पर, भोपाल मण्डल के भोपाल स्टेशन पर तथा कोटा मण्डल के कोटा स्टेशन पर एक स्टेशन एक उत्पाद योजना पहले से ही चल रही है।
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