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BIG BREAKING: 2024 में एक साथ नहीं हो सकता लोकसभा और विधानसभा चुनाव
jantaserishta.com
29 Sep 2023 11:45 AM GMT
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नई दिल्ली: साल 2024 के चुनाव नजदीक हैं. देश में होने वाले आम चुनावों से पहले इस बात की जोरों-शोरों से चर्चा है कि क्या सरकार इसी बार से 'वन नेशन-वन इलेक्शन' के ध्येय की ओर बढ़ेगी. इसके लिए इसी सितंबर में लॉ कमीशन गठित की गई थी. सूत्रों के हवाले से सामने आ रहा है कि तमाम चर्चाओं के बाद विधि आयोग इस नतीजे पर पहुंच रहा है कि 2024 में वन नेशन-वन इलेक्शन को लागू किया जाना मुश्किल होगा. या फिर ऐसा कह लीजिए कि अगले साल ही 2024 में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव नहीं होंगे.
एक साथ चुनावों पर विधि आयोग की रिपोर्ट 2024 के चुनावों से पहले सामने आने की उम्मीद है. लॉ कमीशन भारत में एक राष्ट्र एक चुनाव को वास्तविकता बनाने के लिए संविधान में संशोधन का सुझाव देगा. कमीशन का कहना है कि 2024 चुनाव से पहले एक राष्ट्र एक चुनाव लाना संभव नहीं है. विधानसभा चुनाव के संचालन पर सुझाव शामिल करने के लिए रिपोर्ट सामने लानी है. एक राष्ट्र एक चुनाव पर लॉ कमीशन की रिपोर्ट विशेष रूप से केवल लोकसभा और राज्य विधानसभा चुनावों से संबंधित है.
राष्ट्रीय विधि आयोग (लॉ कमीशन ऑफ इंडिया) ने बुधवार को अपने सदस्यों के साथ 'एक देश एक चुनाव' सहित तीन मुद्दों पर विचार करने के लिए बैठक बुलाई थी. इनमें से 'एक राष्ट्र एक चुनाव' मामले पर कुछ पेच फंसा है, लेकिन बाकी अन्य दो मामलों पर सर्वसम्मति बन गई. लॉ कमीशन की बैठक खत्म होने के बाद आयोग के अध्यक्ष जस्टिस ऋतुराज ने कहा था कि बुधवार की बैठक में हमने एक राष्ट्र एक चुनाव की अवधारणा पर चर्चा की. लेकिन इस मुद्दे पर कोई ठोस नतीजे पर नहीं पहुंचे हैं. लगता है कुछ बैठक और करनी होंगी. अंतिम रिपोर्ट भेजने से पहले और बैठकें होंगी.
इससे पहले 21वें विधि आयोग के अध्यक्ष जस्टिस बीएस चौहान ने भी एक देश एक चुनाव को लेकर रिपोर्ट तैयार की थी. उस रिपोर्ट में सुझाव दिया गया था कि एक देश एक चुनाव लागू करने से पहले संवैधानिक और व्यवहारिक जमीन तैयारियां कर ली जाएं. कई राजनीतिक दलों से भी इस बाबत बात की गई थी.
लॉ कमीशन की बैठक बुधवार सुबह 11 बजे शुरू होकर दोपहर दो बजे के बाद खत्म हुई. आयोग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक एक देश एक चुनाव मुद्दे पर रिपोर्ट को अंतिम रूप देने में कुछ और समय लगेगा. इस मामले पर कुछ और भी बैठकें होंगी. सूत्रों का कहना है कि एक राष्ट्र एक चुनाव के लिए संसद को संविधान और जन प्रतिनिधि कानून में कई संशोधन करने की आवश्यकता है. फिलहाल तो इस बैठक में रिपोर्ट को अंतिम रूप देने की रूपरेखा तय की गई है.
इसके साथ ही दूसरी बड़ी बहस यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर चल रही है. चर्चा है कि केंद्र सरकार जल्द ही इसे भी लागू करेगी. जुलाई-अगस्त में इसके मसौदे के लेकर कई तरह के सुझाव मांगे गए थे. अब लॉ कमीशन के सूत्रों के अनुसार समलैंगिक विवाह को बाहर करने के लिए यूसीसी पर कमीशन ने रिपोर्ट दी है. सूत्रों का कहना है, विवाह में एक पुरुष और एक महिला ही शामिल होंगे.
समलैंगिक विवाह को यूसीसी के दायरे में शामिल नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही UCC पर लॉ कमीशन विवाह से संबंधित धर्मों के रीति-रिवाजों को नहीं छूएगा. तलाक, भरण-पोषण, उत्तराधिकार आदि से संबंधित कानूनों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए रिपोर्ट दी जाएगी. वहीं, बहुविवाह, निकाह हलाला, एकतरफा तलाक आदि के खिलाफ विधि आयोग से सुझाव अपेक्षित है.
तीसरी और बड़ी पॉक्सो एक्ट व सहमति की उम्र तय करने को लेकर है. POCSO और सहमति की उम्र पर विधि आयोग की रिपोर्ट भी आने की संभावना है. पॉक्सो एक्ट में सहमति की उम्र कम करने पर कोई सुझाव नहीं है. लॉ कमीशन की रिपोर्ट में POCSO अधिनियम में कुछ संशोधनों का सुझाव देने की संभावना है, ताकि अदालतों को ऐसे मामलों पर निर्णय लेने की अधिक शक्ति दी जा सके जहां वास्तविक सहमति हो.
On One Nation One Election, The Law Commission of India says, "Another big reason why One Nation One Election would be effective is that it would save a lot of finances and continuous deployment of security forces. We have held extensive consultations with the Election Commission…
— ANI (@ANI) September 29, 2023
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