एक बार आई लव यू कहना प्यार के इजहार के समान, ये कहकर कोर्ट ने किया आरोपी को बरी
मुंबई। मुंबई की एक स्पेशल कोर्ट (Special Court) ने लड़की को एक बार 'आई लव यू' कहना उसका जानबूझकर अपमान नहीं बल्कि प्यार का इजहार बताया है. कोर्ट ने इस मामले में पॉक्सो एक्ट के तहत आरोपी 23 वर्षीय शख्स को बरी कर दिया है. विशेष न्यायाधीश कल्पना पाटिल ने केस की सुनवाई के दौरान ये टिप्पणी की थी. दरअसल 17 वर्षीय लड़की के परिवार द्वारा शिकायत दर्ज कराई गई थी कि आरोपी ने 2016 में उनके घर के पास लड़की को 'आई लव यू' कहा था.
दोषसिद्धि के लिए पर्याप्त सबूत न होने की वजह से आरोपी बरी
शिकायतकर्ता के मुताबिक आरोपी ने लड़की को घूरा, उसे आंख मारी और उसकी मां को भी धमकी दी. जिसके बाद वडाला टीटी पुलिस ने आरोपी के खिलाफ पॉक्सो एक्ट के तहत मामला दर्ज कर लिया था. हालांकि कोर्ट ने आरोपी की दोषसिद्धि के लिए सबूतों के अभाव में उसे बरी कर दिया. इस मामले में कोर्ट ने कहा कि एक बार आई लव यू कहना पीडिता से आरोपी द्वारा प्यार का इजहार करने के समान है. इसे ऐसा नहीं लिया जा सकता है कि पीड़िता के शील का अपमान करने के इरादे से ये काम किया गया हो. साथ ही मामले में ऐसा भी नहीं है कि आरोपी ने पीड़िता का बार-बार उसका पीछा किया और 'आई लव यू' कहा.
इसके साथ ही कोर्ट ने कहा कि नाबालिग और उसकी मां द्वारा बताई गई घटना की जगह-अलग है. जहां मां ने कहा कि घटना उनके घर के पास एक बाथरूम में हुई है, वहीं पीड़िता ने कहा कि वह दूसरे बाथरूम में गई थी. अदालत ने कहा कि दोनों द्वारा सटीक सबूत 'अस्पष्ट' थे.