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कभी पिता थे आमने-सामने, अब बेटों के बीच सियासी मुकाबला

Nilmani Pal
1 April 2024 12:10 PM GMT
कभी पिता थे आमने-सामने, अब बेटों के बीच सियासी मुकाबला
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एमपी। लोकसभा चुनाव में गुना सीट पर रोचक मुकाबला है। यहां पहले कभी पिता आमने-सामने थे तो इस बार बेटों में मुकाबला है। इस बार यहां भाजपा के उम्मीदवार और केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और कांग्रेस उम्मीदवार राव यादवेंद्र सिंह यादव के बीच मुकाबला है।गुना को सिंधिया राज परिवार का प्रभाव वाला क्षेत्र माना जाता है। इसे यहां इस परिवार को मिली सफलता से भी समझा जा सकता है। इस संसदीय क्षेत्र में अब तक 19 चुनाव हुए हैं, जिनमें से 14 बार सिंधिया राज परिवार के सदस्य निर्वाचित हुए। विजयाराजे सिंधिया छह बार निर्वाचित हुईं तो माधवराव सिंधिया और ज्योतिरादित्य सिंधिया चार-चार बार निर्वाचित हुए हैं।

ज्योतिरादित्य सिंधिया वर्ष 2019 का चुनाव यहां से कांग्रेस के उम्मीदवार के तौर पर लड़े थे और उनके खाते में हार आई थी। इस बार वे भाजपा के उम्मीदवार के तौर पर चुनाव मैदान में हैं। भाजपा ने आगामी लोकसभा चुनाव के लिए अपने वर्तमान सांसद केपी यादव का टिकट काटकर सिंधिया को मैदान में उतारा है। वहीं, कांग्रेस की ओर से राव यादवेंद्र सिंह ताल ठोक रहे हैं।

दोनों परिवारों की सियासी अदावत पुरानी है। यहां वर्ष 1999 के चुनाव में माधवराव सिंधिया और देशराज सिंह यादव के बीच मुकाबला हुआ था। उसके बाद 2002 के उपचुनाव में ज्योतिरादित्य के सामने देशराज सिंह थे। अब सिंधिया का मुकाबला देशराज के पुत्र यादवेंद्र सिंह से है। यादवेंद्र सिंह का परिवार पुराने भाजपा परिवार के तौर पर पहचाना जाता है। उनके पिता देशराज सिंह यादव भाजपा के बड़े नेता रहे हैं।

यादवेंद्र सिंह भी भाजपा में रहे हैं, मगर वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने अपने परिवार के अन्य सदस्यों के साथ कांग्रेस का दामन थाम लिया था। अब यादवेंद्र सिंह की मां जो जिला पंचायत सदस्य हैं, वह भाजपा में लौट चुकी हैं और परिवार के अन्य सदस्य भी भाजपा में शामिल हो चुके हैं। गुना संसदीय क्षेत्र में तीन जिलों के विधानसभा क्षेत्र आते हैं, इनमें शिवपुरी के तीन, गुना के दो और अशोकनगर के तीन विधानसभा क्षेत्र हैं। इन आठ विधानसभा क्षेत्र में से छह विधानसभा क्षेत्र पर भाजपा का और दो पर कांग्रेस का कब्जा है।


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