भारत
कबीरदास जी की जयंती के मौके पर, पीएम मोदी ने कहा, उनका दिखाया मार्ग हर पीढ़ी को प्रेरित करेगा
Deepa Sahu
24 Jun 2021 9:18 AM GMT
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कबीरदास जी हिंदी साहित्य की उस हजार सालों की परम्परा में सूरदास के अलावा अकेले ऐसे कवि नजर आते हैं, जिन्होंने कई महाकाव्य लिखे और महाकवि का दर्ज हासिल किया.
जनता से रिश्ता वेबडेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कबीरदास जी की जयंती के मौके पर उन्हें श्रद्वांजलि दी. पीएम मोदी ने संत कबीर को सिर्फ सामाजिक कुरीतियों पर हमला करने वाला नहीं, बल्कि प्रेम का संदेश देने वाला बताया. पीएम मोदी ने ट्वीट के जरिए लिखा संत कबीर दास जी को उनकी जयंती पर शत-शत नमन. उन्होंने न केवल सामाजिक कुरीतियों पर प्रहार किया, बल्कि दुनिया को मानवता और प्रेम का संदेश दिया. पीएम मोदी ने ट्वीट में लिखा कि उनका दिखाया मार्ग हर पीढ़ी को भाईचारा और सद्भावना के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता रहेगा.
इसके साथ ही पीएम ने इस मौके पर अपनी कुछ पुरानी तस्वीरों को भी शेयर किया. उन्होंने तस्वीरों को शेयर करते हुए लिखा कि कुछ वर्ष पहले मुझे मगहर में संत कबीर दास की निर्वाण स्थली जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था. उस समय की कुछ तस्वीरें साझा कर रहा हूं. कबीरदास जी हिंदी साहित्य की उस हजार सालों की परम्परा में सूरदास के अलावा अकेले ऐसे कवि नजर आते हैं, जिन्होंने कई महाकाव्य लिखे.
कुछ वर्ष पूर्व मुझे मगहर में संत कबीर दास की निर्वाण स्थली जाने का सौभाग्य प्राप्त हुआ था। उस समय की कुछ तस्वीरें साझा कर रहा हूं। pic.twitter.com/pgUfwWHpR3
— Narendra Modi (@narendramodi) June 24, 2021
कबीरदास जी का जन्म 1398 (संवत 1455) को ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को हुआ था. 15वीं सदी के भारतीय रहस्यवादी कवि और संत थे. वे हिन्दी साहित्य के भक्तिकालीन युग में ईश्वर की भक्ति के लिए एक महान प्रवर्तक के रूप में उभरे. उनकी रचनाओं ने हिन्दी प्रदेश के भक्ति आंदोलन को भी गहरे स्तर तक प्रभावित किया. उनका लेखन सिक्खों के आदि ग्रंथ में भी दिखाई देता है. वो हिन्दू धर्म और इस्लाम को न मानते हुए धर्म एक सर्वोच्च ईश्वर में विश्वास रखते थे. उन्होंने सामाज में फैली कुरीतियों, कर्मकांड, अंधविश्वास की निंदा की और सामाजिक बुराइयों की कड़ी आलोचना भी की.
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