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जिला अदालत को ठप कराने की घटना पर हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव और डीजीपी को किया तलब, कहा- पुलिस इंटेलिजेंस फेल है

jantaserishta.com
11 Oct 2022 12:52 PM GMT
जिला अदालत को ठप कराने की घटना पर हाईकोर्ट ने मुख्य सचिव और डीजीपी को किया तलब, कहा- पुलिस इंटेलिजेंस फेल है
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जानें पूरा मामला।
रांची (आईएएनएस)| झारखंड हाईकोर्ट ने टाना भगत समुदाय के प्रदर्शनकारियों द्वारा लातेहार जिला न्यायालय में प्रदर्शन कर कामकाज ठप कराये जाने और पुलिस के साथ हुई झड़प की घटना पर स्वत: संज्ञान लेते हुए मंगलवार को राज्य के मुख्य सचिव सुखदेव सिंह और डीजीपी नीरज सिन्हा को अदालत में तलब कर लिया। हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस डॉ रविरंजन की अध्यक्षता वाली बेंच ने मुख्य सचिव और डीजीपी से पूछा कि अचानक एक साथ इतनी बड़ी संख्या में लोगों ने जिला कोर्ट में पहुंचकर सिस्टम को कैसे हाईजैक कर लिया? कोर्ट ने मौखिक तौर पर टिप्पणी की कि इस घटना से तो यही लगता है पुलिस-प्रशासन का इंटेलिजेंस पूरी तरह फेल हो गया है। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार के दोनों शीर्ष अफसरों से इस घटना पर विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। कोर्ट ने जिला अदालतों की सुरक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करने का भी निर्देश दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई 20 अक्टूबर को होगी।
गौरतलब है कि लातेहार में सोमवार को टाना भगत समुदाय के सैकड़ों लोग अचानक डिस्ट्रिक्ट कोर्ट पहुंचे और अदालत का कामकाज ठप करा दिया। इस दौरान टाना भगत समुदाय के लोगों और पुलिस-प्रशासन के बीच जमकर संघर्ष भी हुआ। प्रदर्शनकारियों के पथराव में लगभग आधा दर्जन पुलिसकर्मी घायल हो गये थे और पुलिस की कई गाड़ियों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया गया था। पुलिस के लाठी चार्ज में कई टाना भगतों को भी चोट आई। इस संघर्ष की वजह से लातेहार जिला मुख्यालय में कलेक्ट्रेट और डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के आस-पास का इलाका लगभग डेढ़ घंटे तक रणक्षेत्र बना रहा था। प्रदर्शन कर रहे लोग संविधान की पांचवीं अनुसूची और पेसा कानून के तहत कोर्ट-कचहरी को अवैध करार देते हुए इन्हें बंद करने का नारा लगा रहे थे। उन्होंने एलान कर दिया कि जब के राज्य के जनजातीय बहुल इलाकों में पेसा कानून के तहत परंपरागत आदिवासी स्वशासन प्रणाली नहीं की जाती, वे यहां किसी सरकारी दफ्तर को नहीं चलने देंगे। गौरतलब है कि टाना भगत पंथ के लोग गांधी जी के अनुयायी माने जाते हैं। ये परंपरागत जीवन शैली जीते हैं।
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