भारत
29 जुलाई को पीएम मोदी नई शिक्षा नीति के 1 साल पूरा होने पर वर्चुअली करेंगे संबोधित
Deepa Sahu
26 July 2021 2:32 PM GMT
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नई शिक्षा नीति के देश में एक साल पूरा होने पर 29 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करेंगे.
नई शिक्षा नीति के देश में एक साल पूरा होने पर 29 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक कार्यक्रम को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करेंगे. इस कार्यक्रम के दौरान उनके साथ शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान भी शिरकत करेंगे और वह भी इस दौरान संबोधित करेंगे. इधर, सरकार ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि शिक्षा मंत्रालय भारतीय उच्च शिक्षा आयोग (एचईसीआई) की स्थापना के लिए एक विधेयक का मसौदा तैयार करने की प्रक्रिया में है.
केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, '''शिक्षा मंत्रालय ने मंत्रिमंडल की मंजूरी प्राप्त करने के बाद 29 जुलाई, 2020 को राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 की घोषणा की थी. एनईपी में एक प्रमुख संस्था के रूप में भारतीय उच्च शिक्षा आयोग के गठन का प्रावधान है जिसमें नियमन, मान्यता प्रदान करने, वित्तपोषण और अकादमिक मानदंड बनाने के अलग-अलग कार्यों के लिए चार स्वतंत्र निकाय होंगे.'' उन्होंने कहा, ''इसी अनुरूप मंत्रालय भारतीय उच्च शिक्षा आयोग स्थापना करने के लिए विधेयक का मसौदा बनाने की प्रक्रिया में है.''
Prime Minister Narendra Modi will address via video conferencing the event to mark one year of the New Education Policy on 29th July
— ANI (@ANI) July 26, 2021
Dharmendra Pradhan, Education Minister will also address the event
(file photo) pic.twitter.com/EjuZDzyDSt
इससे पहले, केंद्रीय शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने पिछले हफ्ते कहा था कि बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय (एमईआरयू) भारत के युवाओं के लिए नए अवसर खोलेगा तथा अंतर-अनुशासनात्मक अनुसंधान को बढ़ावा देने के साथ भारत को अनुसंधान एवं विकास का वैश्विक केंद्र बनाएगा. जिंदल ग्लोबल विश्विवद्यालय द्वारा आयोजित विश्व विश्वविद्यालय शिखर सम्मेलन को डिजिटल माध्यम से संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने यह बात कही. उन्होंने कहा, ''नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ने भारतीय उच्च शिक्षा प्रणाली के लिए एक नई कल्पना का सूत्रपात किया है. यह एक आत्मनिर्भर भारत के निर्माण से जुड़ी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की दृष्टि को रेखांकित करता है.'
प्रधान ने कहा कि गुणवत्ता, समानता, सुगम्यता और वहनीयता नई शिक्षा नीति के चार स्तंभ हैं और इनके सहारे ही एक नये भारत का उदय होगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 'भारत में रूकें और भारत में पढ़ें' (स्टडी इन इंडिया-स्टे इन इंडिया) के सपने के साथ भारत शिक्षा के क्षेत्र में एक वैश्विक गंतव्य बनने की दिशा में आगे बढ़ेगा. प्रधान ने शिक्षा को समग्र, नवोन्मेषी, भाषाई रूप से विविध और बहु-विषयक बनाने के लिए सरकार द्वारा किए गए प्रयासों का जिक्र किया और कहा कि भाषा की सीमाओं या क्षेत्रीय भाषाई अड़चनों के कारण किसी भी छात्र का विकास प्रभावित नहीं होना चाहिए.
उन्होंने कहा कि बहुविषयक शिक्षा और अनुसंधान विश्वविद्यालय (एमईआरयू) भारत के युवाओं के लिए नए अवसर खोलेगा. एमईआरयू अंतर-अनुशासनात्मक अनुसंधान को बढ़ावा देगा और भारत को अनुसंधान एवं विकास का वैश्विक केंद्र बनाएगा.
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