ओमीक्रॉन की सुनामी, एक हफ्ते में 6 गुना बढ़ी नए मरीजों की संख्या
देश में कोरोना की रफ्तार तेज हो गई है. नए संक्रमितों का आंकड़ा रोज बढ़ता जा रहा है. ओमिक्रॉन मरीजों की संख्या भी बढ़कर 2 हजार के करीब पहुंच गई है. कोरोना का संक्रमण किस रफ्तार से तेज बढ़ रहा है, इसका अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि देश में 27 दिसंबर को साढ़े 6 हजार मामले आए थे और 3 जनवरी को 37 हजार से ज्यादा. यानी, एक हफ्ते में ही रोज मिलने वाले नए मामले 6 गुना बढ़ गए हैं. भारत में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में तेजी आने की वजह ओमिक्रॉन को ही माना जा रहा है. दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन (Satyendra Jain) भी कह चुके हैं कि राजधानी में नए मामलों में 84 फीसदी ओमिक्रॉन के हैं.
ओमिक्रॉन को लेकर कई चेतावनियां जारी की गईं. न सिर्फ केंद्र सरकार ने बल्कि राज्य सरकारों ने भी. केंद्र ने ओमिक्रॉन का पहला केस आने के बाद ही लोगों को मास्क पहनने और वैक्सीन लगवाने की सलाह दी थी. उसके 15 दिन बाद राज्य सरकारों से भी तैयारियां शुरू करने को कहा था.
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमुख ट्रेडोस गेब्रेयेसस (Tedros Ghebreyesus) ने चेताया था कि ओमिक्रॉन और डेल्टा मिलकर कोरोना की सुनामी ला सकता है. उन्होंने कहा था कि डेल्टा के प्रकोप के दौरान ही ओमिक्रॉन का ज्यादा संक्रामक होना सुनामी ला रहा है. डब्ल्यूएचओ की वो चेतावनी सही थी कि क्योंकि दुनिया के बाकी देशों की तरह ही भारत भी कोरोना की 'सुनामी' की ओर बढ़ रहा है.
- देश में कोरोना के नए मरीजों के मिलने की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. भारत में कोरोना का ग्राफ नीचे आना शुरू ही हुआ था लेकिन ओमिक्रॉन ने इसे फिर ऊपर धकेल दिया है.
- देश में पिछले कुछ दिनों से कोरोना के नए मामलों में जबरदस्त तेजी आई है. इसे ऐसे देख सकते हैं कि 27 दिसंबर को देश में कोरोना के 6,531 मामले सामने आए थे और 3 जनवरी को 37,379 केस.
- कोरोना के नए मामलों में उछाल आने के साथ ही संक्रमण दर भी तेजी से बढ़ने लगी है. देश में अभी संक्रमण दर 3.84 फीसदी है. यानी, हर 1 हजार टेस्ट में 38 मरीज पॉजिटिव मिल रहे हैं.
- महाराष्ट्र, दिल्ली, केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में सबसे ज्यादा नए मामले सामने आ रहे हैं. दिल्ली में भी संक्रमण दर बढ़कर साढ़े 6 फीसदी के करीब पहुंच गई है.
दूसरी लहर से संभलने के बाद जैसे ही मामलों में गिरावट सामने आनी शुरू हुई, लोग कोविड प्रोटोकॉल को लेकर बेपरवाह हो गए. नवंबर के आखिर में जब ओमिक्रॉन फैलना शुरू हुआ तो विश्व स्वास्थ्य संगठन ने चेताया कि नया वैरिएंट बाकी पुराने वैरिएंट से काफी ज्यादा संक्रामक है और डेढ़-दो दिन में ही मामले डबल हो जा रहे हैं. इसके बाद केंद्र सरकार की ओर से भी यही चेतावनी दी गई. लेकिन इसके बावजूद लापरवाही और बेफिक्री दिखी. दिल्ली-मुंबई के बाजारों में हजारों की संख्या में भीड़ जुटी. इससे संक्रमण बढ़ा.