वैश्विक महामारी कोरोना वायरस (Coronavirus) की संभावित तीसरी लहर व नए वेरिएंट ओमिक्रॉन (Omicron) से देश भर में दहशत का माहौल है. ऐसे में कोरोना के मामले भी थमने का नाम नहीं ले रहे हैं. गुजरात (Gujarat) में 24 घंटे में 7 और नए ओमिक्रॉन केस मिले हैं. अब राज्य में कुल 30 पॉजिटिव मरीज हो गए हैं. जिसमें अब 25 मामले सक्रिय हो गए हैं.
बता दें, बीते दिन यानी 22 दिसंबर को नौ नए ओमिक्रॉन मामले दर्ज किए गए थे, जिसमें अहमदाबाद में पांच मामले सामने आए, जबकि दो-दो मामले मेहसाणा और आणंद जिलों से सामने आए थे. अब तक राज्य की 85 प्रतिशत आबादी का कोरोना वैक्सीनेशन पूरा हो चुका है. बता दें, राज्य में अब 637 कोरोना के एक्टिव मरीज है. इनमें से अधिकांश मामले अहमदाबाद (173) में और उसके बाद वडोदरा (104) हैं. अहमदाबाद में वर्तमान टेस्ट की पॉजिटिविटि दर एक प्रतिशत है, जो राज्य के 33 जिलों में सबसे अधिक है. वहीं मृतकों की बात करें तो 10106 मरीज करोनो की चपेट में आ चुके हैं. वहीं, अब तक डिस्चार्ज हुए मरीजों की संख्या 818,051 हो गई है.
एक सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, क्रिसमस और नए साल के जश्न के अलावा, राज्य दो प्रमुख कार्यक्रमों जनवरी में वाइब्रेंट गुजरात ग्लोबल समिट और मार्च में डिफेंस एक्सपो की मेजबानी करने वाला है. गुजरात में राज्य सरकार ने 8 प्रमुख शहरों में नाइट कर्फ्यू को 31 दिसंबर तक बढ़ाने का फैसला किया है. कर्फ्यू सुबह 1 बजे से सुबह 5 बजे तक लागू रहेगा. जिन आठ शहरों में नाइट कर्फ्यू बढ़ाया गया है, वो अहमदाबाद, राजकोट, सूरत, वडोदरा, जामनगर, भावनगर, गांधीनगर और जूनागढ़ हैं. यह कदम कोविड-19 के ओमिक्रॉन वेरिएंट के बढ़ते खतरे के मद्देनजर आया है. इसके साथ ही नए साल और क्रिस्मस के मौके पर जश्न में लोगों की भीड़ बढ़ने का अंदेशा है जिसे देखते हुए यह फैसला लिया गया है. इन शहरों में रेस्तरां आधी रात तक 75 फीसदी बैठने की क्षमता के साथ काम कर सकते हैं जबकि सिनेमा हॉल को 100 फीसदी क्षमता पर संचालित करने की अनुमति है. हाल ही में यूके से आई एक महिला में ओमिक्रॉन वेरिएंट मिलने के बाद राज्य सरकार और सतर्क हो गई है.
ओमिक्रॉन से निपटने के लिए केंद्र ने राज्यों को दिए 5 सुझाव
1- नाइट कर्फ्यू लगाएं, जमावड़ों पर रोक लगाई जाए, खासकर आने वाले त्योहारों के मद्देनजर. कोरोना के केस बढ़ने पर कंटेनमेंट और बफर जोन का निर्धारण करें.
2- टेस्टिंग और सर्वेलांस पर विशेष ध्यान दिया जाए. ICMR और स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन के मुताबिक, टेस्ट कराए जाएं. डोर टू डोर केस सर्च और आरटीपीसीआर टेस्ट की संख्या बढ़ाई जाए.
3- अस्पतालों में बेड, एंबुलेंस और स्वास्थ्य उपकरण बढ़ाने पर फोकस किया जाए. ऑक्सीजन का बफर स्टॉक बनाया जाए. 30 दिन की दवाओं का स्टॉक बनाएं.
4- लगातार जानकारी दी जाए, ताकि अफवाह न फैले, राज्य रोजाना प्रेस ब्रीफिंग करें.
5- राज्य 100% वैक्सीनेशन पर फोकस करें. सभी वयस्कों को दोनों डोज सुनिश्चित करने के लिए डोर टू डोर अभियान चलाया जाए.