भारत
भारत में ओमीक्रोन का खतरा बढ़ा, एक्सपर्ट बोले- इतने लोगों की हो सकती है मौत
jantaserishta.com
7 Jan 2022 11:56 AM GMT
x
नई दिल्ली: भारत में कोविड -19 के केसों (covid-19 cases) में काफी उछाल आया है. भारत में 7 महीने बाद 1.17 लाख केस सामने आए हैं. डेल्टा वैरिएंट (Delta variant) के साथ ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron variant) भी तेजी से पैर पसार रहा है और इसके भी 3 हजार से अधिक केस हो गए हैं. ओमिक्रॉन की वजह से भारत में कोरोना की तीसरी लहर आ गई है और कई राज्यों में स्थिति चुनौतीपूर्ण नजर आ रही है.
हाल ही में दुनिया की जानी-मानी वैज्ञानिक और मिशिगन विश्वविद्यालय में बायोस्टैटिस्टिक्स की प्रोफेसर भ्रमर मुखर्जी (Bhramar Mukherjee) ने भारत में कोरोना की स्थिति को लेकर चिंता जताई है. प्रोफेसर भ्रमर मुखर्जी पिछले लगभग 2 सालों से भारत के कोविड -19 महामारी ( Covid-19 epidemic) पर नजर रख रही हैं.
उन्होंने टेलिग्राफ को दिए एक इंटरव्यू में कहा है कि "देश कोविड-19 के तूफान से घिर चुका है. हमारे मॉडल के मुताबिक, भारत में ओमिक्रॉन के बहुत ज्यादा मामले आने वाले हैं. हम ये मान रहे हैं कि भारत में जिन लोगों को कम से कम वैक्सीन की एक डोज लगवाई है या फिर जो लोग पहले भी संक्रमित हो चुके हैं, उन लोगों में से 50 प्रतिशत लोग ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित हो सकते हैं."
भ्रमर मुखर्जी ने आगे कहा कि दक्षिण अफ्रीका की स्थिति के आधार पर कहें तो भारत में कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जितनी मौतें हुईं, उसकी 30 से 50 प्रतिशत मौतें ओमिक्रॉन से हो सकती हैं.
भारत के लिए अच्छी बात ये है कि यहां काफी लोगों को वैक्सीन की एक या दो डोज लग चुकी हैं और काफी सारे लोग पहले भी संक्रमित भी हो चुके हैं, हमारे अनुमान के मुताबिक, ऐसे लोगों की संख्या 40 फीसदी है. यानी बिना बूस्टर डोज के भी आबादी का ये हिस्सा ओमिक्रॉन से दोबारा संक्रमित होने पर जल्दी रिकवरी करेगा. हो सकता है कि वैक्सीनेशन के कारण ओमिक्रॉन वाले संक्रमितों को हॉस्पिटल में भर्ती न होना पड़े. मुखर्जी ने कहा, लेकिन इनमें से तमाम उम्मीदें केवल अनुमान पर आधारित हैं, इनमें से कई बातें सच हो सकती हैं और कई गलत भी.
भ्रमर मुखर्जी ने कहा कि भारत में ओमिक्रॉन संक्रमण की गंभीरता और मृत्यु दर का अनुमान लगाना काफी मुश्किल है, क्योंकि यहां के अस्पताल में भर्ती होने के सही आंकड़े और यहां तक कि मृत्यु दर के आंकड़े भी नहीं हैं. हम अमेरिका में भी देखते हैं कि वहां पर मौत के आंकड़ों में इजाफा ओमिक्रॉन और डेल्टा से ही नहीं बल्कि खराब स्वास्थ्य सेवाओं के कारण भी बढ़ा है.
R values for some states are astronomic right now 👇🏽: we knew that. With infections expected to be skyrocketing we need:
— Bhramar Mukherjee (@BhramarBioStat) January 4, 2022
-clear communication about self-care to prevent panic-driven trips to the hospitals.
-scale up hospital capacity + optimize care to those who really need it. pic.twitter.com/IVIKA4DQoV
डॉक्टर भ्रमर मुखर्जी कहती हैं कि ओमिक्रॉन से सुरक्षित रहने के लिए क्या उपाय अपनाने चाहिए, इस बारे में लोग काफी भ्रमित हैं. भले ही ओमिक्रॉन इतना खतरनाक नहीं है, लेकिन अगर इससे इतना सुरक्षित नहीं रहा गया तो यह काफी अधिक फैलेगा और अपना विशाल रूप दिखाएगा.
इससे सिर्फ हेल्थ सेक्टर ही नहीं बल्कि हर सेक्टर प्रभावित होंगे. भारत की आबादी को देखते हुए यह नहीं कह सकते कि ओमिक्रॉन हल्का है. भारत समेत अन्य देशों ने संक्रमण को फैलने का इंतजार किया, जिसका हर्जाना उन्हें भरना पड़ा. इसलिए अगर पहले से ही स्वास्थ्य सेवाओं पर ध्यान दिया जाए तो देश को फिर से लॉकडाउन से बचा सकते है.
वैक्सीनेशन, मास्क और सभी बड़ी रैलियों और सभाओं से बचकर ही इस संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सकता है. लेकिन अगर अभी भी इस वैरिएंट को अधिक खतरनाक न मानते हुए, सभी नियमो को ताक पर रखेंगे, तो जाहिर सी बात है यह भीषण रूप ले लेगा.
ओमिक्रॉन को माइल्ड और कम खतरनाक बताए जाने को लेकर मुखर्जी ने कहा, वैक्सीन के कारण मौत के आंकड़े और अस्पताल में भर्ती होने की संख्या को कम किया जा सकता है. लेकिन इस खतरे के दो हिस्से हैं. पहला यह कि अगर आप संक्रमित होते हैं तो कितना गंभीर रूप से बीमार पड़ते हैं और दूसरा यह कि क्या आप इससे संक्रमित होते हैं?
लोग सिर्फ पहले खतरे पर ही ध्यान दे रहे हैं. सभी लोग संक्रमण के तेजी से बढ़ने को भूल रहे हैं, जब कि खतरा दोनों जगह है. जब लोगों की जिंदगी और हॉस्पिटल्स की सुविधाओं की बात आती है तो संक्रमण की दर मायने रखती है, लेकिन यह नहीं भूलना है कि कुल संक्रमितों की संख्या भी अहम है.
कई एक्सपर्ट ने कहा है कि 10-15 दिन पहले ही देश में कोरोना की तीसरी लहर आ चुकी है, इस बात पर भ्रमर मुखर्जी कहती हैं कि दिसंबर में ही ओमिक्रॉन की पहचान हो गई थी और अगर मैं सरकार में होती तो उसी समय मास्क लगाने और बूस्टर डोज लगाने को लेकर सख्त नियम बनाती.
Next Story