डेल्टा वेरिएंट से 3 गुना तेज है ओमिक्रॉन, मशहूर डॉक्टर ने तीसरी लहर के बारे में बताया सबकुछ
कोरोना वायरस का नया वेरिएंट ओमिक्रॉन भारत में दस्तक दे चुका है. ओमिक्रॉन का ट्रांसमिशन रेट भारत में दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार डेल्टा वेरिएंट से तीन गुना ज्यादा है. यानी ये वायरस तीन गुना तेजी से लोगों को संक्रमित कर सकता है. वायरस कब पीक पर होगा और इसका खतरा कब तक टल सकता है? इस विषय पर मेदांता के चेयरमैन डॉक्टर नरेश त्रेहन ने विस्तार से जानकारी दी है. डॉक्टर त्रेहन ने कहा, 'भारत में आई पिछली दो लहरों से हमें सबक लेना चाहिए. पहली और दूसरी लहर के बीच में करीब 32 हफ्तों का फासला था. पहली लहर के बाद लोग ये मान चुके थे कि वायरस अब खत्म हो गया है, लेकिन दूसरी लहर में ये ज्यादा भयंकर होकर लौटा. इसलिए लोगों को ये समझना चाहिए कि जब तक वायरस का खतरा पूरी तरह टल नहीं जाता, तब तक चौकन्ने रहें.'
डॉ. त्रेहन ने कहा, 'ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि ये वायरस सितंबर-अक्टूबर से ही फैल रहा है, लेकिन इसका कोई सबूत नहीं है.' डॉ. त्रेहन ने कहा कि अगर हम 'सूत्रा मॉडल' से देखें, जिसे पहली और दूसरी लहर के दौरान भी अप्लाई किया गया था तो नया वैरिएंट जनवरी के पहले या दूसरे सप्ताह में पीक पर होगा. ऐसी भी संभावनाएं हैं कि ये लहर फरवरी तक समाप्त हो जाएगी. हालांकि, ये कितनी ऊपर जाएगी, ये हमारे व्यवहार पर निर्भर करता है.
डॉ. त्रेहन ने कहा कि ओमिक्रॉन वैरिएंट की दस्तक को तीसरी लहर घोषित करना फिलहाल मुश्किल है. इसके लिए अभी और इंतजार करना होगा. अभी तक इसे लेकर सरकार ने भी अच्छे कदम उठाए हैं. सरकार के निर्देश हैं कि लोगों को तुरंत क्वारनटीन में भेजा जाए. उनके स्वैब सीक्वेंसिंग के लिए भेजे जाएं. उनके संपर्क में आए लोगों को ट्रैक किया जाए और इलाज किया जाए. टेस्ट, ट्रैक एंड ट्रीट की ये योजना सरकार ने जल्दी लागू की है. इसलिए इस खतरे को जल्दी टाला जा सकता है. डॉ. त्रेहन ने कहा कि भारत में कोरोना की मौजूदा स्थिति को देखते हुए व्यापक स्तर पर लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं है. लेकिन लोगों को बचने के बुनियादी तरीकों में ढील नहीं देनी चाहिए. वे मास्क पहनकर ही घर से बाहर निकलें. भीड़ वाली जगहों पर जाने से बचें और हैंड सैनिटाइजेशन का ख्याल रखें. कुछ गैर-जरूरी चीजों को बंद किया जा सकता है. नाइट क्लब जैसी जगहों को इस वक्त बंद करना उचित होगा.