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ओमिक्रॉन संकट: देश के 17 राज्यों में पहुंचा, 10 राज्‍यों में टीमें भेजेगा केंद्र

jantaserishta.com
25 Dec 2021 6:15 AM GMT
ओमिक्रॉन संकट: देश के 17 राज्यों में पहुंचा, 10 राज्‍यों में टीमें भेजेगा केंद्र
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नई दिल्ली: भारत में ओमीक्रोन मामलों की संख्‍या 400 के पार चली गई है। हालात पर काबू पाने के लिए कई राज्‍य सरकारों ने नाइट कर्फ्यू समेत पाबंदियों का ऐलान किया है। उधर, केंद्र सरकार ने उन 10 राज्‍यों की पहचान की है जहां से ओमीक्रोन और कोविड-19 के ज्‍यादा मामले आ रहे हैं। इन राज्‍यों में वैक्‍सीनेशन की रफ्तार भी धीमी है। केंद्र ने इन राज्‍यों में मल्‍टी-डिसिप्लिनरी टीमें भेजने का फैसला किया है। जिन राज्‍यों में ये टीमें भेजी जाएंगी, वे हैं - केरल, महाराष्‍ट्र, तमिलनाडु, पश्चिम बंगाल, मिजोरम, कर्नाटक, बिहार, उत्‍तर प्रदेश, झारखंड और पंजाब।

शनिवार सुबह तक के अपडेट के अनुसार - उत्‍तर प्रदेश, महाराष्‍ट्र, हरियाणा, गुजरात और मध्‍य प्रदेश ने नाइट कर्फ्यू लगाने की घोषणा की है। यूपी में नाइट कर्फ्यू शनिवार रात 11 से शुरू होगा और सुबह 5 बजे तक चलेगा। दिल्ली, कर्नाटक और ओडिशा में क्रिसमस और न्यू ईयर के सामूहिक जश्न पर पहले ही रोक लगा दी गई है। चंडीगढ़ में 1 जनवरी से पब्लिक प्लेस में उन लोगों की एंट्री बैन रहेगी जिन्होंने दोनों डोज नहीं ली हैं।
आईआईटी कानपुर के प्रफेसर मणींद्र अग्रवाल ने दक्षिण अफ्रीका के डेटा के विश्लेषण के बाद बताया है कि ओमीक्रोन स्ट्रेन के तेज प्रसार की वजह मुख्य तौर पर इम्यूनिटी (प्रतिरोधक क्षमता) घटना है। इसकी बढ़ी हुई संक्रामकता को तेज प्रसार से न जोड़ा जाए। उन्होंने बताया कि यूके में मौजूदा समय में कॉन्टैक्ट या बीटा रेट .52 है, जो पिछले महीने की दर .72 से कम है। डेनमार्क में भी ऐसा ही हुआ है। माना जाए कि भारत में 20 प्रतिशत लोगों की इम्यूनिटी खत्म हो जाए तो मार्च की शुरुआत में हर दिन 1.8 लाख केसों के साथ पीक आ सकता है।
सूत्र मॉडल के जरिए किए विश्लेषण के आधार पर प्रफेसर अग्रवाल ने बताया कि साउथ अफ्रीका का पीक आकलन के अनुसार आया। इसके पहले वहां कॉन्टैक्ट रेट और रीच में बढ़त दर्ज हुई। रीच 1 के पार जाने का अर्थ होता है इम्यूनिटी खत्म हो जाना। इसे आधार मानें तो वहां 18 प्रतिशत लोगों में इम्यूनिटी खत्म हो गई। इससे ओमीक्रोन का प्रसार बढ़ा।
भारत में 80 प्रतिशत लोग इम्यून हैं। भारत के मुकाबले दक्षिण अफ्रीका में वैक्सीन से बनी इम्यूनिटी कम रही। वहां फाइजर और यहां कोविशील्ड इस्तेमाल हुईं। लेकिन एक तथ्य साफ है कि ओमीक्रोन वैक्सीन इम्यूनिटी को बड़े स्तर और कुदरती इम्यूनिटी को कुछ हद तक भेद रहा है। भारत में फिलहाल कॉन्टैक्ट रेट .54, रीच .95 और नैचरल इम्यूनिटी 83 प्रतिशत है। 20 प्रतिशत लोग प्रतिरोधक क्षमता खो दें तो पैरामीटर में बदलाव होगा। डेल्टा के प्रसार के दौरान हर 5 में एक व्यक्ति को अस्पताल की जरूरत पड़ी थी। यूरोप को देख समझ आ रहा है कि वहां 10 में एक व्यक्ति को अस्पताल की जरूरत पड़ रही है। इस हिसाब से मार्च के मध्य में पीक पर 2 लाख बेडों की जरूरत पड़ेगी।

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