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पुणे: महाराष्ट्र में पुणे जिले के इंदापुर तालुका स्थित सराफवाड़ी गांव में किसान भरत लालगे ने नया प्रयोग करते हुए सफेद जामुन की फसल उगाई है. इससे पहले सफेद जामुन के पेड़ ओडिशा में दिखाई देते थे. इस नए रंग के फल का स्वाद अब महाराष्ट्र समेत दूसरे इलाके के लोगों को भी चखने को मिल रहा है. किसान भारत लालगे ने 2019 में ओडिशा से सफेद जामुन के 300 पौधे लाकर एक एकड़ में लगाए थे. तीन साल बाद अब पेड़ों में फल लगने लगे हैं.
वर्तमान में जामुन की फसल कटाई शुरू हो गई है. अब यह फल पुणे के फल मार्केट में 450 रुपए प्रति किलो के दाम में मिल रहे हैं. इस संबंध में किसान लालगे ने न्यूज़ चैनल आजतक से बात करते हुए बताया, उनके पास 23 एकड़ खेती है, जिसमें वह अनार और अंगूर की फसल बोते हैं. मगर अनार पर हाल ही में कई रोगों का प्रादुर्भाव रहा है और अंगूर के बाग में खराब मौसम के कारण नुकसान हो रहा है.
आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक उन्होंने इसके विकल्प के तौर पर ही ओडिशा से सफेद जामुन के 300 पौधे लाकर लगाए. अब उन्हें अच्छा मुनाफा होने की आशा है. किसान भरत का कहना है कि यह फसल कम पानी और कम लागत में उगाई गई है और उन्हें विश्वास है कि इससे उन्हें अच्छी उपज और लाभ मिलेगा.
दरअसल, सामान्य तौर पर जामुन खाने से आपकी जीभ का रंग बैंगनी होता है. अब इसमें सफेद जामुन का रंग मिल रहा है. स्वाद और आकार में आम जामुन जैसे ही दिखने वाले सफेद जामुन में औषधि गुणधर्म ज्यादा होने की जानकारी पर्यावरण विशेषज्ञ दे रहे हैं, इसलिए इसकी मांग अब बढ़ रही है.
पर्यावरण विशेषज्ञ डॉ. महेश गायकवाड़ ने कहा, बदलते समय और बदलते मौसम के साथ किसान अब नए फल उगाने लगे हैं. सफेद बैंगनी किस्म ओडिशा की है और बैंगनी में मधुमेह रोगियों के लिए प्राकृतिक औषधीय गुण हैं. एक महीने तक जामुन खाने से शरीर में शुगर की मात्रा को नियंत्रित करने में मदद मिलती है, इसलिए बैंगनी रंग का सेवन करना चाहिए, जिनमें से सफेद बैंगनी में बड़ी संख्या में औषधीय गुण होते हैं.
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