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न्यूज़ क्रेडिट: हिंदुस्तान | DEMO PIC
इतना ही नहीं यह कार्रवाई पुलिस ने नहीं बल्कि वन विभाग के स्टाफ ने की थी।
भुवनेश्वर: वारदात हुई, आरोपी की पहचान हुई फिर उसे हिरासत में लिया गया। यह प्रक्रिया खबरों में लगभग हर रोज मिल जाती है। ओडिशा में भी ऐसी ही एक घटना हुई, लेकिन यहां एक अजीब आरोप में बकरे को हिरासत में लिया गया। इतना ही नहीं यह कार्रवाई पुलिस ने नहीं बल्कि वन विभाग के स्टाफ ने की थी। क्या है यह पूरा मामला, विस्तार से समझते हैं।
मामला ओडिशा के गंजम जिले में चार दिन पहले का है। यहां खल्लीकोट ब्लॉक के तहत आने वाले गांव भरसानुआपल्ली के कुछ चरवाहे बकरों को लेकर चराने गए थे। अब कथित तौर पर उस दौरान बकरों ने कुछ पौधों की पत्तियों को चबा लिया। कहा जा रहा है कि इस बात से वन विभाग का स्टाफ खासा नाराज हो गया था। इसी के चलते वे झुंड में से एक बकरे को ले गए।
ग्रामीण के राम्या पात्रा के बकरे को ही अधिकारी कथित तौर पर ले गए हैं। वह कहते हैं, 'हमने कहा कि यह एक गलती थी, लेकिन वन विभाग के स्टाफ ने नहीं सुनी और बकरे को साथ ले गए, जहां उसे खल्लीकोट फॉरेस्ट रेंजर के दफ्तर में स्थित पोस्ट मॉर्टम रूम में चार दिनों तक बांधकर रखा।' हालांकि, इस पर रेंजर सिद्धार्थ साहू ने टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
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