भारत

OMG! भारत के लाखों पॉलिसी धारकों का डाटा लीक, पुलिस ने मामले का किया खुलासा

jantaserishta.com
29 Jun 2021 7:20 AM GMT
OMG! भारत के लाखों पॉलिसी धारकों का डाटा लीक, पुलिस ने मामले का किया खुलासा
x
साइबर अपराधियों का मकड़जाल इतना जबर्दस्त है कि पुलिस को भी तफ्तीश करने में पसीने आ जाते हैं.

चूरू. साइबर अपराधियों का मकड़जाल इतना जबर्दस्त है कि पुलिस को भी तफ्तीश करने में पसीने आ जाते हैं. अंदाजा भी नहीं लगा सकते कि बीमा कंपनियों (Insurance Companies) से देश के लाखों पॉलिसी धारकों का डाटा पहले लीक होता है और दिल्ली-नोएडा से संचालित ठग गिरोह ऐसे डाटा को खरीदकर उसकी मदद से देशभर के तमाम लोगों को अपने जाल में फंसाने में कामयाब हो रहे हैं. चूरू की सदर थाना पुलिस ने एक ऐसे ही एक मामले का खुलासा किया है.

इंश्योरेंस कंपनियों से लीक हुए लाखों ग्राहकों के डाटा की सहायता से दिल्ली से संचालित गिरोह देशभर के लोगों को बन्द या डेड इंश्योरेंस पॉलिसी रिन्यू करने के नाम पर करोड़ों की ठगी को अंजाम दे चुका है. सदर थाना पुलिस ने इस गिरोह के दो आरोपियों को दिल्ली से गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया. वहां से इन्हें 4 दिन के पुलिस रिमाण्ड पर लिया गया है. सदर थाना पुलिस को इस गिरोह के मास्टरमाइंड की अभी भी तलाश है. मामले में एक आरोपी को पुलिस उत्तरप्रदेश से पहले ही गिरफ्तार कर जेल भिजवा चुकी है.
टीचर के केस से जालसाजों तक पहुंची पुलिस
दरअसल चूरू जिले के सालासर में एक टीचर नेमाराम से साल 2016 से दिसंबर 2019 तक इस गिरोह ने इन्श्योरेंस पॉलिसी रिन्यू करने और प्रीमियम में 10 फीसदी की छूट देने का झांसा देकर 95 लाख रुपये की ठगी कर चुके थे. जनवरी 2020 में नेमाराम ने सालासर पुलिस थाने में मामला दर्ज करवाया, लेकिन सालासर पुलिस मामले की तह तक नहीं पहुंच पायी थी. उसके बाद एसपी नारायण टोगस ने मामले की जांच सदर थानाधिकारी अमित कुमार को दी. थानाधिकारी ने निजी साइबर एक्सर्पट की मदद से मामले में तफ्तीश शुरू की तो चौंकाने वाले राज खुले.
दिल्ली से दो ठगों को किया गिरफ्तार
साइबर एक्सर्पट की सहायता से सदर पुलिस इस गिरोह के सदस्य शशिशेखर को उत्तर प्रदेश के गोरखपुर से गिरफ्तार करने में कामयाब हो गयी. गिरफ्तार शशिशेखर को पुलिस ने रिमाण्ड पर लिया तो उससे मिली सूचना के बाद बदमाश के सहयोगी उत्तर प्रदेश निवासी राहुल चौहान व शरद त्यागी को रविवार को दिल्ली से गिरफ्तार किया गया. उन्हें 28 जून 2021 को कोर्ट में पेश कर चार दिन के रिमाण्ड पर लिया गया है.
डेड पॉलिसी में लालच देकर फंसाते थे
सदर थानाधिकारी अमित कुमार ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी शातिराना अंदाज में लोगों को फंसाते हैं. इन ठगों के पास बीमा कम्पनियों के ग्राहकों का पूरा डाटा रहता है. इसमें पॉलिसी का नंबर, ग्राहकों का नाम, पता, मोबाइल नंबर, प्रीमियम जमा कराने की तारीख आदि जानकारियां होती है. इनके मुख्य टारगेट इंश्योरेंस पॉलिसी धारक ऐसे लोग होते हैं, जिन्होंने इन्श्योरेन्स तो करवा ली लेकिन प्रिमियम जमा ना कराने से पॉलिसी डेड या बन्द हो गयी. ऐसे ग्राहकों को फोन कर झांसा दिया जाता कि इंश्योरेंस कंपनी ने बकायादारों के लिए नई स्कीम लांच की है. इसमें ना केवल प्रिमियम की किस्तों में छूट मिलेगी बल्कि छूट सहित राशि जमा कराने पर उन्हे पॉलिसी की मेच्यौर राशि भी कुछ किस्तें जमा कराने पर मिल जायेगी. लोग इनके झांसे में आ जाते ओर समय-समय पर इनकी डिमांण्ड के अनुसार मेच्योर राशि पाने के चक्कर में राशि बताये गये अकाउन्ट में जमा कराते रहते हैं.
बीमा कर्मचारियों की मिलीभगत की आशंका
चूरू की सदर थाना पुलिस ने इस गैंग के 3 सदस्यों को अब तक अरेस्ट किया है. इनके पास से एटीएम कार्ड, लाखों ग्राहकों के एक्सल सीट में डाटा, 5 मोबाइल बरामद हुए हैं. आरोपियों के कब्जे से मिले मोबाइल व लेपटॉप में एक्सल सीटें मिली है, जिसमें देशभर के इंश्योरेंस धारक लाखों लोगों का डाटा है. इस सूची में से ही आरोपी ठग, बकायादार किस्त वालों को चिन्हित किया करते थे. इतनी बड़ी संख्या में इंश्योरेंस पॉलिसी धारकों का डाटा मिलने में बीमा कर्मचारी के मिलीभगत की संभावना को भी नकारा नहीं जा सकता है. बहरहाल गिरोह में शामिल अन्य लोगों की कुंडली खंगालने में सदर थाना पुलिस जुटी है. गिरोह के तार देश के कई प्रदेशों से भी जुड़े हैं.
Next Story