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अधिकारियों ने स्ट्रांगरूम को तोड़ा, उच्च न्यायालय ने दिया था निर्देश

jantaserishta.com
23 April 2023 9:36 AM GMT
अधिकारियों ने स्ट्रांगरूम को तोड़ा, उच्च न्यायालय ने दिया था निर्देश
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जानें पूरा मामला.
हैदराबाद (आईएएनएस)| तेलंगाना के जगतियाल जिले के अधिकारियों ने रविवार को तेलंगाना उच्च न्यायालय के निर्देश पर धर्मपुरी विधानसभा क्षेत्र के स्ट्रांगरूम को तोड़ दिया, जो 2018 के चुनावों में हुए वोटों की फिर से गिनती की याचिका पर सुनवाई कर रहा है। जगतियाल के नुक्कपल्ली गांव में वीआरके कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के स्ट्रांगरूम को जगतियाल के जिला कलेक्टर शेख यासमीन बाशा और अन्य शीर्ष अधिकारियों की मौजूदगी में तोड़ा गया, क्योंकि भारत निर्वाचन आयोग के अधिकारियों द्वारा इसकी खोई हुई चाबियों का पता नहीं लगाया जा सका।
अधिकारी मतदान प्रतिशत और सभी उम्मीदवारों द्वारा प्राप्त मतों से संबंधित रिकॉर्ड उच्च न्यायालय में जमा करेंगे।
अदालत ने पहले चुनाव आयोग को वोटों की गिनती से संबंधित सीसीटीवी फुटेज और अन्य रिकॉर्ड पेश करने का निर्देश दिया था।
हाईकोर्ट के आदेश पर 10 अप्रैल को जिलाधिकारी व अन्य अधिकारी स्ट्रांग रूम खुलवाने पहुंचे थे। लेकिन चुनाव आयोग के अधिकारियों ने चाबियों को गायब पाया। उच्च न्यायालय को इस बारे में सूचित किए जाने के बाद, उसने अधिकारियों को कमरे को तोड़ने का निर्देश दिया।
चुनाव आयोग के अधिकारी 17ए और 17सी के दस्तावेज उच्च न्यायालय को सौंपेंगे, जो वोटों की पुनर्गणना के लिए कांग्रेस उम्मीदवार अदुलुरी लक्ष्मण कुमार की याचिका पर सुनवाई कर रहा है।
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के उम्मीदवार कोप्पुला इश्वर को 441 मतों से निर्वाचित घोषित किया गया। इश्वर अब राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री हैं।
ईश्वर और लक्ष्मण को क्रमश: 70,579 और 70,138 वोट मिले।
लक्ष्मण ने वोटों की गिनती में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए ईश्वर का चुनाव रद्द करने की याचिका दायर की थी।
पिछले साल सुप्रीम कोर्ट ने इश्वर की उस याचिका को खारिज कर दिया था, जिसमें हाईकोर्ट में कार्यवाही पर रोक लगाने की मांग की गई थी।
हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई के दौरान लक्ष्मण के वकील ने विसंगतियों की ओर इशारा किया था। उनके अनुसार, रिटनिर्ंग ऑफिसर ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी को अपनी रिपोर्ट में कहा कि सभी 269 मतदान केंद्रों में वोटों की संख्या 1,65,209 थी, जो मतदान का 79.96 प्रतिशत है। हालांकि, उन्होंने दावा किया कि आरटीआई अधिनियम के तहत अधिकारियों द्वारा उन्हें दी गई जानकारी के अनुसार, 1,65,341 वोट डाले गए और मतदान प्रतिशत 80.02 रहा।
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