यूपी। स्वास्थ्य महकमें के अजब गजब शासनादेश पहले सुर्खियों में आतें हैं, बाद में फजीहत होने पर अफसरों पर कार्रवाई होती हैं। सप्ताह भर पहले भी ऐसा ही एक आदेश हुआ था। जिसमें कहां गया था कि सभी जिला अस्पतालों, प्राथमिक स्वास्थ केन्द्र और सामुदायिक स्वास्थ केन्द्रों पर हिन्दी के साथ उर्दू में भी डॉक्टरों की नेम प्लेट लगाई जाएगी।
अचानक से जारी हुए इस आदेश ने पहले तो सुर्खियों बटोरी अब फजीहत होते देख आदेश को वापस तो लिया ही गया हैं साथ ही जारी करने वाले अधिकारी पर भी कार्रवाई हुई हैं। मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग की संयुक्त निदेशक तबस्सुम खान सस्पेंड कर दिया गया।
यह था पूरा मामला
दरअसल उन्नाव के मोहम्मद हारुन की ओर से पत्र लिखकर शिकायत की थी की दूसरी राजभाषा के रूप में उर्दू को मान्यता दी गई है, इसके बावजूद विभिन्न विभागों के साथ-साथ चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग में इसका पालन नहीं हो रहा। ऐसे में निदेशक प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र डा. शैलेष की ओर से शासनादेश का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। अब उत्तर प्रदेश के सभी 167 सरकारी जिला अस्पतालों, 873 सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों, 2934 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों का नाम हिंदी के साथ-साथ उर्दू में भी लिखा जाएगा। वहीं विभाग के अधिकारी व कर्मचारी भी अपनी नेम प्लेट पर हिंदी के साथ-साथ उर्दू में भी नाम लिखा जाएगा।