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अधिकारी को 7 साल की सजा, आत्महत्या केस

Nilmani Pal
26 July 2024 4:25 AM GMT
अधिकारी को 7 साल की सजा, आत्महत्या केस
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कोर्ट ने जुर्माना भी लगाया

यूपी। ललितपुर के डिप्टी सीएमओ डॉक्टर अशोक कुमार को कोर्ट ने सात साल की सजा सुनाई है। उन पर पत्नी को आत्महत्या के लिए उकसाने और दहेज के लिए प्रताड़ित करने का दोष सिद्ध हुआ। सजा फास्ट ट्रैक कोर्ट न्यायाधीश प्रथम पल्लवी प्रकाश ने सुनाई। अभियुक्त पर 25 हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया।

मूलरूप से इटावा के सिविल लाइंस निवासी डॉ. अशोक कुमार की शादी फैजाबाद की शकुन के साथ हुई थी। अशोक कुमार और उनका परिवार अतिरिक्त दहेज के लिए शकुन को प्रताड़ित करता था। जब अशोक बबेरू सीएचसी में तैनात थे तभी उनकी पत्नी की 20 मार्च 1996 को मौत हो गई थी। इसकी जानकारी मृतका के भाई, वर्तमान में रिटायर राजस्व आयुक्त कुंवर पाल सिंह को हुई तो उन्होंने बहनोई के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई। अभियोजन के अधिवक्ता मनोज दीक्षित ने बताया कि पांच गवाह पेश किए। दोनों पक्षों के वकीलों की दलीलें सुनने और साक्ष्य अवलोकन के बाद जज ने अशोक को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई।

28 साल बाद फैसला,:आगरा में रहने वाले रिटायर राजस्व आयुक्त कुंवर पाल सिंह की ओर से जो तहरीर दी गई थी उसके मुताबिक बहन शकुन की शादी 27 जनवरी 1995 में इटावा में सिविल लाइंस निवासी डॉक्टर अशोक से की थी। 12 फरवरी 1995 को फैजाबाद से जब बहन की विदाई कराई तो टीवी, वीसीआर आदि की मांग की गई। मांग पूरी न होने पर बहन को दीपावली तक विदा नहीं कराया गया। वह मायके में ही रही। दिवाली के बाद बहनोई अशोक मथुरा आए तो उनसे बहन को विदा कराकर ले जाने की बात कही। इस पर उन्होंने पहले बहन को अपनी मां के पास इटावा छोड़ा और बाद में बबेरू ले गए। 20 मार्च 1996 को अज्ञात व्यक्ति ने फोनकर जानकारी दी कि आपकी बहन शकुन की हालत बहुत सीरियस है। दूसरे दिन 21 मार्च को अपने साढ़ू को बहनोई के इटावा स्थित घर भेजा। वहां उनके परिवार ने कुछ नहीं बताया। इस पर सीएमओ बांदा को फोन किया तो उनसे बहन की मौत की जानकारी मिली। इस पर कुंवर पाल मथुरा से सीधे बांदा पहुंचे। बहन का अंतिम संस्कार करने के बाद मामले की तहरीर दी, जिस पर बहनोई अशोक सहित ससुराल पक्ष के लोगों के खिलाफ गैरइरादतन हत्या, दहेज उत्पीड़न आदि धाराओं में रिपोर्ट दर्ज हुई।


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