भारत

Officer Sanjay Kundu : हाईकोर्ट के फैसले के बाद ,अधिकारी संजय कुंडू को डीजीपी पद से हटा दिया गया

2 Jan 2024 2:36 AM GMT
Officer Sanjay Kundu : हाईकोर्ट के फैसले के बाद ,अधिकारी संजय कुंडू को डीजीपी पद से हटा दिया गया
x

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी संजय कुंडू को डीजीपी पद से हटा दिया है। कुंडू को अब प्रधान सचिव आयुष विभाग का जिम्मा दिया गया है। बताया जा रहा है कि जल्द नए डीजीपी की तैनाती की जाएगी। इस संबंध में मुख्य सचिव …

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के बाद राज्य सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी संजय कुंडू को डीजीपी पद से हटा दिया है। कुंडू को अब प्रधान सचिव आयुष विभाग का जिम्मा दिया गया है। बताया जा रहा है कि जल्द नए डीजीपी की तैनाती की जाएगी। इस संबंध में मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना की ओर से अधिसूचना जारी की गई है। हिमाचल काडर के पुलिस अधिकारियों की बात करें तो इनमें वरिष्ठतम पुलिस अधिकारी 1988 बैच के तपन कुमार डेका हैं। डीजीपी संजय कुंडू 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह वरिष्ठता में डेका के बाद आते हैं। डेका केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर हैं और उच्च पद पर आसीन हैं। कुंडू वैसे भी अप्रैल में सेवानिवृत्त हो रहे हैं।

संजीव रंजन ओझा 1989 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। वह केंद्रीय प्रतिनियु़क्ति से लौट चुके हैं और कुंडू के बाद वरिष्ठता में सबसे आगे हैं। ओझा के बाद 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी श्याम भगत नेगी हैं, जो केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर ही हैं। उनके बाद 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी अतुल वर्मा हैं। वह भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौट चुके हैं। उसके बाद आने वाले 1993 बैच के अनुराग गर्ग भी केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से लौट चुके हैं। इसी बैच में अशोक तिवारी और ऋत्विक रुद्र आते हैं। 1994 बैच के आईपीएस अधिकारी राकेश अग्रवाल भी केंद्र से लौट चुके हैं। इसी बैच के अगले अधिकारी जहूर हैदर जैदी हैं। जैदी के बाद 1995 बैच में एसपी सिंह और एन वेणुगोपाल हैं। उनके बाद 1996 बैच में सतवंत अटवाल त्रिवेदी, अजय कुमार यादव और अभिषेक त्रिवेदी हैं। इनमें से किसी एक अधिकारी को डीजीपी बनाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री ने ये कहा
वहीं, मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने कुंडू को पद से हटाने पर मनाली में कहा कि सरकार ने उन्हें पदोन्नत कर आयुष विभाग का प्रधान सचिव लगाया है। पत्रकारों के सवाल पर उन्होंने कहा कि कुंडू को लेकर एक शिकायत थी। सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन किया है। संजय कुंडू ने 35 साल तक प्रदेश की सेवा की है। उनकी छवि स्वच्छ है। निष्पक्ष जांच हो, इसको देखते हुए संजय को डीजीपी के पद से हटाकर प्रधान सचिव लगाया गया है। उन्होंने कहा कि विंटर कार्निवल से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। प्रदेश सरकार पर्यटन को बढ़ावा देने को हर संभव प्रयास कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में पेट्रोल-डीजल की कमी नहीं होगी। प्रदेश सरकार पुलिस की निगरानी में डीजल-पेट्रोल की व्यवस्था कर रही है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार को ट्रक चालकों की हड़ताल के मामले को गंभीरता से लेना चाहिए।

क्या है पूरा मामला
बता दें प्रदेश हाईकोर्ट ने 27 दिसंबर को डीजीपी संजय कुंडू और कांगड़ा की एसपी शालिनी अग्निहोत्री को पदों से हटाने के आदेश दिए थे। मुख्य न्यायाधीश एमएस रामचंद्र राव और न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की खंडपीठ ने गृह सचिव को इसके बारे में शीघ्र ही जरूरी कदम उठाने के आदेश जारी किए। हाईकोर्ट ने उच्च अधिकारियों को ऐसे पदों पर नियुक्त करने के आदेश दिए, जहां से दोनों को मामले में दर्ज प्राथमिकी की जांच प्रभावित करने का अवसर न मिले। पालमपुर के कारोबारी निशांत कुमार शर्मा की सुरक्षा से जुड़े मामले पर सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने आदेश जारी किए।

मामले में प्रार्थी निशांत ने अपने और परिवार की सुरक्षा के खतरे के संबंध में कोर्ट को ईमेल के माध्यम से अवगत करवाया था। ईमेल को आपराधिक रिट याचिका में तबदील करते हुए हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश पारित कर एसपी शिमला और एसपी कांगड़ा को प्रार्थी को उचित सुरक्षा मुहैया करवाने के आदेश दिए थे। पिछली सुनवाई के दौरान एसपी कांगड़ा ने बताया था कि प्रार्थी की शिकायत पर दर्ज प्राथमिकी में लगाए आरोपों की जांच अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कांगड़ा को सौंपी जा चुकी है।

इसमें एसपी शिमला ने ऊंचे लोगों की संलिप्तता का अंदेशा जताया था। शिमला के एसपी की जांच में प्रथमदृष्टया पाया कि डीजीपी कारोबारी की ओर से बताए गए एक रसूखदार व्यक्ति के संपर्क में रहे। जांच में यह भी पाया कि डीजीपी ने 27 अक्तूबर को निशांत कुमार शर्मा को 15 मिस्ड कॉल कीं। यह बात भी सामने आई कि डीजीपी ने कारोबारी पर निगरानी रखी।

नोट – खबरो के अपडेट के लिए जनता से रिश्ते पर बने रहें।

    Next Story