नई दिल्ली। आप जीवन में लक्ष्य कुछ भी तय करें, लेकिन उसे हासिल करने के लिए मानसिक रूप से मजबूत होना बहुत जरूरी है. ऐसा नहीं होने पर कई बार आप लक्ष्य के बिल्कुल करीब पहुंचकर भी फिसल सकते हैं. ये कहना है वर्ष 2012 बैच में 185वीं ऑल इंडिया रैंक (AIR-185) हासिल कर IRS बनीं नेहा नौटियाल का. चलिए आज जानते हैं उनके IRS बनने के सफर की कहानी-
नेहा उत्तराखंड के देहरादून से हैं. उनके पिता श्री पीके नौटियाल पोस्ट ऑफिस में कार्यरत थे. मां गृहणी हैं. वे दो भाई बहन हैं और नेहा छोटी हैं. नेहा हमेशा से कुछ बेहतर करना चाहती थीं और इसमें उनके परिवार ने हर कदम पर उनका साथ दिया. नेहा की शुरुआती शिक्षा उत्तराखंड से ही हुई. इसके बाद उन्होंने अजमेर से 4 वर्षीय बीएससी-बीएड (B.Sc-B.Ed) किया. फिर देहरादून से एमएससी (M.Sc) इन जूलॉजी किया. एमएससी के बाद उन्होंने सिविल सर्विसेज (Civil Services) की तैयारी शुरू कर दी थी. इस दौरान उन्होंने CSIR में 9 महीने जॉब भी की. लेकिन तैयारी के चलते जॉब छोड़ दी.
नेहा ने 2009 में सिविल्स की तैयारी शुरू की. 2010 में पहला प्रयास किया. उन्होंने प्रीलिम्स क्लियर किया. लेकिन उससे आगे नहीं बढ़ सकीं. 2011 में दूसरा प्रयास किया. इस बार वे सफल रहीं और 2012 बैच में 185वीं रैंक के साथ IPS के लिए क्लियर किया. लेकिन उन्होंने IPS की जगह IRS को अपने कैरियर (Career) के रूप में चुना. नेहा अपनी सफलता का पूरा श्रेय अपने परिवार और वेदांता आईएएस एकेडमी में अपनी प्रशिक्षक व मार्गदर्शक अर्चना यादव को देती हैं. फिलहाल वे दिल्ली रीज़न में इनकम टैक्स विभाग में कार्यरत हैं.
नेहा कहती हैं कि अक्सर देखा जाता है कि छात्र स्कूल या कॉलेज में ही कहते हैं कि मैं ये बनूंगा या ये बनूंगा. बड़े सपने देखना अच्छी बात है, लेकिन उसके लिए सही दिशा में सही प्रयास करना भी जरूरी है. इसके लिए कुछ बातों का ध्यान रखना जरूरी है जैसे:
-अपने आप को मेंटली स्ट्रॉन्ग बनाएं.
-छोटे छोटे गोल्स बनाएं
-उन गोल्स को पूरा करने के लिए स्ट्रेटजी बनाएं
-स्ट्रेटजी पर पूरी मेहनत से काम करें
-सबसे जरूरी बात ये कि कंसिस्टेंसी बनाएं रखें.