भारत

ओडिशा सरकार ने किसानों को दी बड़ी सौगात

Nilmani Pal
5 May 2022 4:34 AM GMT
ओडिशा सरकार ने किसानों को दी बड़ी सौगात
x

ओडिशा. अक्षय तृतीया के दिन ओडिशा सरकार ने राज्य के किसानों (Farmers) को सौगात दी है. कालिया (KALIA) (कृषक सहायता आजीविका और आयवृद्धि) योजना के तहत राज्य के किसानों को प्रदेश के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक (Naveen Patnaik)ने किसानों के को वित्तीय सहायता दी. इसके साथ ही राज्य के 40 लाख से अधिक छोटे और सीमांत किसानों के बैंक खाते में 804 करोड़ रुपए जमा करा दिए गए. कालिया योजना के तहत ओडिशा के किसानों को एक साल में चार हजार रुपए दिए जाते हैं. पहली किश्त रबी (Rabi) के सीजन में दो हजार रुपए की दी जाती है, वहीं दूसरी दो हजार रुपए की किश्त खरीफ के सीजन में दी जाती है, ताकि किसानों को खेती करने समय आर्थिक परेशानी नहीं हो.

कालिया योजना के तहत राज्य के छोटे और सीमांत किसानों को वित्तीय सहायता दी जाती है. रबी और खरीफ एक ऐसा समय होता है जब किसानों को खेती करने के लिए पैसे की जरूरत होती है ऐसे समय में किसानो को वित्तीय लाभ मिलने से उन्हें काफी फायदा होता है. एक तरफ जहां किसानों के खाते में आज पैसे ट्रांसफर किए गए वहीं दूसरी तरफ अक्षय तृतीया के दिन किसानों नें अखी मुठी त्योहार मनाया. ओडिशा में यह त्योहार किसानों के लिए बेहद मायने रखता है.

अखी मुठी अनुकुला जुताई के बाद धान के खेतों में बीज बोने का औपचारिक कार्य है. रीति-रिवाजों के अनुसार, किसान नए कपड़े पहनते हैं और बीजों की एक सजी हुई टोकरी अपने खेतों में ले जाते हैं.अक्षय तृतीया हिंदू समुदायों के लिए एक अत्यंत शुभ और पवित्र दिन माना जाता है. देश के अधिकांश हिस्सों में, परशुराम जयंती को अक्षय तृतीया के रूप में भी मनाया जाता है जो भगवान परशुराम के जन्म के दिन का प्रतीक है. भगवान विष्णु के छठे अवतार, भगवान परशुराम (शाब्दिक अर्थ, कुल्हाड़ी के साथ राम) क्षत्रियों की बर्बरता से बचाने के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुए.

अखी मुठी अनुकुला जुताई के बाद धान के खेतों में बीज बोने का औपचारिक कार्य है. रीति-रिवाजों के अनुसार, किसान नए कपड़े पहनते हैं और बीजों की एक सजी हुई टोकरी अपने खेतों में ले जाते हैं.अक्षय तृतीया हिंदू समुदायों के लिए एक अत्यंत शुभ और पवित्र दिन माना जाता है. देश के अधिकांश हिस्सों में, परशुराम जयंती को अक्षय तृतीया के रूप में भी मनाया जाता है जो भगवान परशुराम के जन्म के दिन का प्रतीक है. भगवान विष्णु के छठे अवतार, भगवान परशुराम (शाब्दिक अर्थ, कुल्हाड़ी के साथ राम) क्षत्रियों की बर्बरता से बचाने के लिए पृथ्वी पर अवतरित हुए.


Next Story