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महिला डॉक्टरों से अश्लील हरकतें: यहां फर्जी मरीज बनकर महिला डॉक्टरों से हो रही गंदी बातें और आपत्तिजनक हरकतें, जाने पूरा मामला

jantaserishta.com
29 Dec 2020 10:03 AM GMT
महिला डॉक्टरों से अश्लील हरकतें: यहां फर्जी मरीज बनकर महिला डॉक्टरों से हो रही गंदी बातें और आपत्तिजनक हरकतें, जाने पूरा मामला
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ऐसे कुछ फर्जी मरीज तो फेसबुक, इंस्टाग्राम पर डॉक्टरों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं और उनसे उनके पर्सनल नंबर की मांग करते हैं, जिसकी वजहों से डॉक्टर अपनी प्राइवेसी सेटिंग तक चेंज कर रहे हैं.

नई दिल्ली: ऑनलाइन माध्यम से डॉक्टरों से परामर्श (E-Consultations with Doctors) की वेबसाइट्स यौन उत्पीड़न (Sexual Harassment) का अड्डा बन गई हैं. खबर है कि कई मरीज महिला डॉक्टरों (Female Doctors) से इलाज के लिए परामर्श लेने के नाम पर अप्वाइंटमेंट लेते हैं और बाद में उनके साथ गंदी बातें और आपत्तिजनक हरकतें करते हैं. महिला डॉक्टरों का उत्पीड़न करने के लिए मरीज नए-नए नाम और नंबरों से टेलीमेडिसिन वेबसाइट्स पर रजिस्ट्रेशन करते हैं. कई बार तो पुरुष मरीज महिला रोगियों के नाम से भी रजिस्ट्रेशन करते हैं, इसका पता डॉक्टर को कॉल रिसीव करने के बाद ही लगता है. जानिए क्या है पूरा मामला...

ऑनलाइन परामर्श लेने के नाम पर मरीज महिला डॉक्टरों का यौन उत्पीड़न कर रहे हैं. हैरान करने वाली बात ये है कि ऑनलाइन परामर्श की वेबसाइट्स मरीजों द्वारा महिला डॉक्टरों के यौन उत्पीड़न को छुपाने में लगी हुई हैं. हालांकि इस तरीके के कुछ मामलों की शिकायत पुलिस में होने के बाद महिला डॉक्टरों के यौन उत्पीड़न की बात सामने आई है. अब ऐसे लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग तेज हो गई है.
इस साल मई में टेलीमेडिसिन परामर्श के रेग्युलेशन्स की अधिसूचना जारी की गई थी. जिसमें निर्देश दिया गया था कि टेलीमेडिसिन परामर्श में मरीज और डॉक्टर दोनों को एक दूसरे की पहचान बताना जरूरी है. इसके बावजूद भी अधिकांश वेबसाइट्स ने इसका पालन नहीं किया. आलम ये है कि टेलीमेडिसिन परामर्श के लिए रजिस्ट्रेशन और भुगतान करने के बाद सेकेंडों में ही आप डॉक्टर से सीधे जुड़ सकते हैं.
नाम नहीं बताने की शर्त पर एक महिला डॉक्टर ने बताया कि मरीजों द्वारा बहुत बुरे तरीके से उत्पीड़न किया जा रहा है. जब ये पहली बार होता है तो बहुत बुरा लगता है. इस तरह के ज्यादातर कॉल रात में आते हैं. हमने टेलीमेडिसिन कंपनी से कहा है कि रात में वो पुरुष डॉक्टरों को ही रखें. महिला डॉक्टरों की समस्या सिर्फ यहीं खत्म नहीं होती हैं. ये मरीज बाद में सोशल मीडिया पर भी डॉक्टरों को परेशान करने की कोशिश करते हैं. वो महिला डॉक्टरों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं, मैसेज करते हैं और उनका पर्सनल नंबर लेने की कोशिश करते हैं.
बता दें कि अगर किसी मरीज को महिला डॉक्टर के यौन उत्पीड़न के लिए ब्लॉक कर दिया जाता है तो वो दूसरी महिला डॉक्टर को परेशान करना शुरू कर देता है. सूत्रों के मुताबिक, इसको रोकने के लिए टेलीमेडिसिन वेबसाइट्स कोई उचित कदम नहीं उठा रही हैं.
इस मुद्दे पर एक टेलीमेडिसिन ऐप के प्रवक्ता ने कहा कि हमारे यहां दुर्व्यवहार और यौन उत्पीड़न के खिलाफ जीरो टॉलरेंस पॉलिसी है. सभी मरीजों के अकाउंट्स को ओटीपी से वेरीफाई किया जाता है. ओटीपी से यह पता चलता है कि जिस मोबाइल से डॉक्टर का अप्वाइंटमेंट लिया गया है, उसी नंबर से कॉल अटेंड की जाए. लेकिन इससे हमें मरीज की सही पहचान का पता नहीं चलता है.


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