भारत

ओबीसी को नहीं मिल रहा है आरक्षण कोई लाभ, गठित्त आयोग ने पेस की आकड़े

Apurva Srivastav
20 Feb 2021 5:39 PM GMT
ओबीसी को नहीं मिल रहा है आरक्षण कोई लाभ, गठित्त आयोग ने पेस की आकड़े
x
अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को मिलने वाले आरक्षण के श्रेणीकरण को लेकर गठित जस्टिस रोहणी आयोग राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस मुद्दे को लेकर जल्दबाजी में नहीं है।

अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को मिलने वाले आरक्षण के श्रेणीकरण को लेकर गठित जस्टिस रोहणी आयोग राजनीतिक रूप से संवेदनशील इस मुद्दे को लेकर जल्दबाजी में नहीं है। हालांकि इस दौरान आयोग ने जो आंकड़े जुटाए हैं वे चौंकाने वाले हैं। इसके तहत ओबीसी में शामिल एक हजार से ज्यादा ऐसी जातियां हैं, जिन्हें इस आरक्षण का कोई लाभ नहीं मिल रहा है। आयोग अब इन्हीं तथ्यों और आंकड़ों के आधार पर राज्यों के साथ निर्णायक चर्चा की तैयारी में है।

11 राज्यों के साथ चर्चा करने की योजना
आयोग ने अगले महीने से देश के उन 11 राज्यों के साथ चर्चा शुरू करने की योजना बनाई है, जो पहले से ही अपने यहां अलग-अलग आधार पर ओबीसी आरक्षण का बंटवारा कर चुके हैं। खास बात यह है कि इन राज्यों में आरक्षण कोटे का बंटवारा किसी एक तय फार्मूले पर नहीं बल्कि वोट बैंक के लिहाज से किया गया है। ऐसे में किसी राज्य में इसे दो श्रेणियां में बांटा गया है, तो किसी राज्य में तीन, चार और पांच श्रेणियों तक इसका बंटवारा किया गया है।
श्रेणियों पर अभी फैसला नहीं
आयोग का मानना है कि वह जुटाए गए आंकड़ों और तथ्यों के आधार पर ओबीसी आरक्षण के उप-वर्गीकरण (सब-कैटेगराइजेशन) के पक्ष में है। राज्यों के साथ चर्चा भी इसी आधार पर होगी। आयोग के एक वरिष्ठ सदस्य के मुताबिक अभी हमने कोई श्रेणी नहीं बनाई है। कितनी श्रेणियां बनाना है, इस पर भी कोई फैसला नहीं लिया है। राज्यों से चर्चा के बाद ही इसका पूरा प्रारूप तय होगा। चूंकि राज्यों को इसे लागू करना है, ऐसे में उनकी राय जरूरी है।

ओबीसी की करीब 26 सौ जातियां
मौजूदा समय में देश में ओबीसी की करीब 26 सौ जातियां हैं, जिनके लिए नौकरियां और दाखिले में 27 फीसद का आरक्षण है। बावजूद इसके पूरा आरक्षण ओबीसी की छह सौ जातियों में ही बंट जाता है। इनमें भी करीब सौ ऐसी जातियां है, जो इसका आधे से ज्यादा लाभ ले जाती हैं। हालांकि इनकी जनसंख्या भी ज्यादा है।
विकास की दौड़ में अनेक जातियां अभी भी पीछे
गौरतलब है कि ओबीसी आरक्षण के बाद भी इसमें शामिल अनेक जातियां अभी भी विकास की दौड़ में पीछे हैं। ऐसे में सरकार ने वर्ष 2017 में जस्टिस जी रोहिणी की अगुवाई में आयोग का गठन कर ऐसी जातियों को आगे बढ़ाने के लिए आरक्षण का उप-वर्गीकरण करने का फैसला लिया है।
इन राज्यों में पहले से है ओबीसी का श्रेणीकरण
ओबीसी आरक्षण का वर्गीकरण देश के 11 राज्यों में पहले ही किया जा चुका है। हालांकि यह वर्गीकरण राज्य सूची के आधार पर किया गया है। जिन राज्यों में यह वर्गीकरण किया गया है, उनमें आंध्र प्रदेश, बंगाल, झारखंड, बिहार, हरियाणा, कर्नाटक, तेलंगाना, महाराष्ट्र, तमिलनाडु, जम्मू-कश्मीर और पुडुचेरी शामिल हैं।


Next Story