भारत
एनवी रमणा देश के अगले चीफ जस्टिस, धारा 370 से लेकर इन बड़े फैसलों में रहे शामिल, जानिए कब तक रहेगा कार्यकाल
jantaserishta.com
25 March 2021 7:57 AM GMT
x
फाइल फोटो
सुप्रीम कोर्ट के जज एनवी रमणा देश के अगले चीफ जस्टिस होंगे. मौजूदा चीफ जस्टिस एस. ए. बोबडे ने कानून मंत्रालय को अपने उत्तराधिकारी के नाम की जानकारी दे दी है. बता दें कि एस.ए. बोबडे अगले महीने रिटायर हो रहे हैं, ऐसे में एक महीने पहले ही उन्होंने सरकार को जस्टिस रमणा का नाम सुझा दिया है. चीफ जस्टिस (CJI) एस.ए. बोबडे के रिटायर होने में एक महीने से भी कम समय बचा है. ऐसे में सरकार ने नये चीफ जस्टिस की नियुक्ति की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इस क्रम में सीजेआई से अपने उत्तराधिकारी के नाम की सिफारिश मांगी गई थी जिस पर सिफारिश पर एसए बोबडे ने अपने उत्तराधिकारी के तौर पर एनवी रमणा के नाम की सिफारिश की.
इस सिफारिश से पहले सुप्रीम कोर्ट की आंतरिक समिति ने जांच प्रक्रिया के बाद जस्टिस रमणा के खिलाफ शिकायत को खारिज कर दिया. सीजेआई बोबडे ने जस्टिस रमणा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर भूमि खरीद में अपने परिजनों को अनैतिक ढंग से लाभ पहुंचाने, आंध्र प्रदेश हाईकोर्ट के कामकाज में दखल देने, राज्य सरकार को अस्थिर करने की कोशिश करने जैसी शिकायत भी खारिज कर दी. ये शिकायत आंध्र प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री वायएस जगमोहन रेड्डी ने दर्ज कराई थी.
धारा 370 जैसे बड़े फैसलों में रहे शामिल
द हिन्दू की एक रिपोर्ट के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के रूप में न्यायमूर्ति रमणा, धारा 370, चुनावी मुद्दों से लेकर महिलाओं के अधिकारों और सूचना के अधिकार के दायरे में भारत के मुख्य न्यायाधीश के कार्यालय तक लाने के विभिन्न फैसलों का हिस्सा रहे हैं.
साल 2019 में पांच-न्यायाधीशों वाली बेंच, जिसमें न्यायमूर्ति रमणा भी शामिल थे. जनहित में मांगी गई जानकारी प्रदान करने के लिए CJI के कार्यालय को RTI के तहत एक सार्वजनिक प्राधिकरण के रूप में जवाबदेह घोषित किया था. हालांकि, न्यायमूर्ति रमणा ने यह भी कहा कि आरटीआई का उपयोग निगरानी के टूल के रूप में नहीं किया जाना चाहिए.
सीजेआई के बाद सबसे सीनियर जज एनवी रमणा
वरिष्ठता के मामले में फिलहाल वो सुप्रीम कोर्ट में दूसरे स्थान पर हैं. जस्टिस एनवी रमणा सुप्रीम कोर्ट में सीजेआई के बाद सबसे सीनियर जज हैं. वह आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट के पहले ऐसे जज होंगे जो सीजेआई बनेंगे. रमणा ने 10 फरवरी 1983 को वकील के रूप में न्यायिक करियर शुरु किया. 27 जून 2000 को वो आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के स्थायी न्यायाधीश नियुक्त हुए. उन्होंने 10 मार्च 2013 से 20 मई 2013 तक आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के तौर पर काम किया.
अहम मुकदमों की सुनवाई वाली पीठ की अगुआई
न्यायाधीश रमणा को दो सितंबर 2013 में दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के तौर पर पदोन्नत किया गया. 17 फरवरी 2014 को वो दिल्ली उच्च न्यायालय से उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त हुए. यहां उन्होंने कई चर्चित और अहम मुकदमों की सुनवाई करने वाली पीठ की अगुआई की या फिर पीठ के सदस्य रहकर इनमें इंटरनेट के जरिए सूचना पाने के अधिकार को मौलिक अधिकारों के दर्ज में शामिल करवाने जैसे अहम काम किए.
26 अगस्त, 2022 तक रहेगा कार्यकाल
प्रदेश में 27 अगस्त, 1957 को कृष्णा जिले के पुन्नावरम गांव में किसान परिवार में पैदा हुए नाथुलापति वेंकट रमणा ने विज्ञान और कानून में स्नातक की उपाधि हासिल की. इसके बाद उन्होंने आंध्र प्रदेश हाई कोर्ट, केंद्रीय प्रशासनिक ट्राइब्यूनल और सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस शुरू की. सुप्रीम कोर्ट में उनका कार्यकाल 26 अगस्त, 2022 तक है. यानी वो दो साल से भी कम समय के लिए CJI के पद पर रहेंगे.
jantaserishta.com
Next Story