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नूपुर शर्मा मामला: कुवैत से आई ये बड़ी खबर, जानें पूरी जानकारी
jantaserishta.com
17 Jun 2022 6:35 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी के पूर्व नेताओं की विवादित टिप्पणी को लेकर अरब देशों में गुस्सा शांत होने का नाम नहीं ले रहा है. कुवैत के सांसदों ने गुरुवार को अपनी सरकार से मांग की कि वो पैगंबर मोहम्मद का अपमान करने के लिए भारत के खिलाफ हर तरह का दबाव बनाए.
50 सदस्यीय नेशनल एसेंबली के 30 सासंदों ने एक संयुक्त बयान जारी कर घटना की निंदा की. सांसदों ने अपने बयान में कहा कि भारत की पुलिस ने उन मुस्लिमों के खिलाफ अत्याचार किए जो पैगंबर पर टिप्पणी को लेकर शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे थे. उन्होंने मुसलमानों के खिलाफ पुलिसिया कार्रवाई की निंदा की.
कुवैत टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक, कुवैत के हजारों सोशल मीडिया कार्यकर्ता मांग कर रहे हैं कि सभी अरब देश, और विशेष रूप से खाड़ी देशों से हिंदुत्व समर्थक भारतीयों को उनके देश भेज दिया जाए. लोग मांग कर रहे हैं कि पैगंबर का अपमान करने और मुसलमानों के शांतिपूर्ण विरोध को लेकर उनके ऊपर कार्रवाई करने के बदले में खाड़ी देशों में रह रहे 80 लाख भारतीयों में से हिंदुत्वादियों को देश में काम न करने दिया जाए.
30 सांसदों ने अपने बयान में कहा, 'कुवैत नेशनल असेंबली के सदस्य भारत सरकार, उसकी पार्टी और मीडिया अधिकारियों द्वारा पैगंबर, इस्लाम और इस्लाम के पवित्र स्थलों के खिलाफ किए गए अपमान को अस्वीकार करते हैं. बयान में भारतीय मुसलमानों और उनकी संपत्तियों के खिलाफ भारत सरकार की कार्रवाई की भी निंदा की गई और उन्हें सुरक्षा प्रदान करने का आह्वान किया गया.
सांसदों ने कुवैत की सरकार और बाकी देशों की सरकारों से पैगंबर के अपमान और भारतीय मुसलमानों के खिलाफ हमलों को रोकने के लिए राजनयिक, आर्थिक और मीडिया दबाव बढ़ाने का आग्रह किया.
पैगंबर मोहम्मद पर बीजेपी प्रवक्ता रहते हुए नुपुर शर्मा की टिप्पणी को लेकर कुवैत की सरकार ने भारी विरोध जताया था. कुवैत के विदेश मंत्रालय ने भारतीय राजदूत सिबी जॉर्ज को तलब कर उन्हें कुवैत सरकार का आधिकारिक विरोध पत्र सौंपा था. पैगंबर मोहम्मद के अपमान करने के कारण भारतीय जनता पार्टी ने जब अपनी प्रवक्ता नूपुर शर्मा के पार्टी से
कुवैत ने हालांकि पैगंबर मोहम्मद के अपमान के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे कुछ प्रवासियों को गिरफ्तार कर उन्हें देश भेजने का भी आदेश दिया था. दरअसल, कुवैत में प्रवासियों को विरोध-प्रदर्शन का आयोजन करने अथवा किसी प्रदर्शन में हिस्सा लेने का कानूनी अधिकार नहीं है. बावजूद इसके कुवैत में कुछ लोगों ने पैगंबर के समर्थन में एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया था.
प्रदर्शन का एक वीडियो सामने आने के बाद सरकार ने सख्ती दिखाते हुए प्रदर्शन में हिस्सा लेने वाले प्रवासियों के खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी किया था. सरकार ने आदेश दिया था कि प्रवासियों को गिरफ्तार कर हमेशा के लिए उनके देश भेज दिया जाए.
इस पूरे विवाद की शुरुआत एक टीवी डिबेट से हुई थी. भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा ने एक टीवी डिबेट के दौरान पैगंबर मोहम्मद पर आपत्तिजनक टिप्पणी की जिसके बाद से उसे लेकर विवाद खड़ा हो गया.
भारत से शुरू हुआ विवाद सभी मुस्लिम देशों में पहुंच गया और विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. कतर, कुवैत, पाकिस्तान, ईरान, तुर्की आदि देशों ने इसे लेकर भाजपा प्रवक्ता और पार्टी की सख्त आलोचना की है. भारत में भी पैगंबर विवाद पर प्रदर्शन अभी तक थमा नहीं है और लोग भाजपा से निलंबित नूपुर शर्मा की गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं.
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