तेजी से बढ़ रही मुंह और सर्वाइकल कैंसर मरीजों की संख्या, जानिए बचाव के तरीके
नैनीताल : उत्तराखंड में कैंसर के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। राज्य के कुमाऊं मंडल में भी कैंसर रोगियों की संख्या काफी बढ़ रही है। शहर के स्वामी राम कैंसर इंस्टीट्यूट के कैंसर रोग विशेषज्ञों ने बताया कि कैंसर चिकित्सालय में बीते 13 साल में कैंसर मरीजों की संख्या दो गुना हुई। …
नैनीताल : उत्तराखंड में कैंसर के मरीजों की संख्या में काफी इजाफा हुआ है। राज्य के कुमाऊं मंडल में भी कैंसर रोगियों की संख्या काफी बढ़ रही है। शहर के स्वामी राम कैंसर इंस्टीट्यूट के कैंसर रोग विशेषज्ञों ने बताया कि कैंसर चिकित्सालय में बीते 13 साल में कैंसर मरीजों की संख्या दो गुना हुई।
राजकीय मेडिकल कॉलेज के अधीन स्वामी राम कैंसर संस्थान की स्थापना 2009 में हुई थी। स्थापना के बाद से संस्थान में कुमाऊं के लोगो को कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी का इलाज मिलने लगा। साल 2010 में जहां कैंसर के कुल 2889 मरीज ही इलाज के लिए अस्पताल में पहुंचते थे, वही लगभग 13 साल में यह दायरा करीब दो गुना तक बढ़ा है। कैंसर अस्पताल में इलाज करवाने आए मरीजों की संख्या 2023 तक करीब 6574 तक पहुंची है, जिसमें ओपीडी से लेकर भर्ती मरीजों की संख्या शामिल है।
ये पढ़ें- ITI का छात्र निकला स्मैक तस्कर: 19 साल के लड़के के पास दस लाख का माल, पुलिस ने ऐसे किया गिरफ्तार
स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट के निदेशक डाॅ़ केसी पांडे ने बताया कि चिकित्सालय में हर साल हजारों की तदाद में कैंसर रोगी इलाज के लिए पहुंचते है। इसमें सबसे ज्यादा पुरूषों में सिर, गर्दन और मुंह का कैंसर , वहीं महिलाओं में स्तन कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के केस सामने आते है। उन्होंने बताया कि बीते कई दशको से मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है। प्रतिदिन खराब जीवनशैली और खराब खान-पान लेना ही इस जानलेवा बीमारी का मुख्य कारण है।
जल्द इलाज करवाने से 90 प्रतिशत तक कम हो सकता है कैंसर का खतरा
डॉ़ पांडे ने बताया कि बिमारी का जल्द से जल्द पता लगते ही तुरंत इलाज कराना ही इस बिमारी का सबसे बड़ा रोकथाम माना गया है। कैंसर की पहली स्टेज में ही अस्पताल पहुंचने वाले रोगी के बचने के 90 प्रतिशत चांस होते है। दूसरी स्टेज में इलाज करवाने वाले रोगी के बचने के 70 प्रतिशत। तीसरी स्टेज पर इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीज के बचने के 50 प्रतिशत, वही आखिरी स्टेज पर पहुंचने वाले रोगी की जान बचने की संभावना केवल 20 प्रतिशत ही रहे जाती है। डॉ़ पांडे ने बताया कि कैंसर का पता लगते ही समय से इसका रोकथाम करने से इस जानलेवा बीमारी को खत्म किया जा सकता है।
कैसे हो सकता है कैंसर से बचाव
कैंसर से बचाव के बारे में जानकारी देते हुए डाॅ़ केसी पांडे ने बताया कि अपने प्रतिदिन की जीवनशैली में सुधार लाना होगा। फिजिकल एक्सरसाइज को नियमित तौर पर करें, खराब खानपान की आदते में परिर्वतन करें, पौष्टिक भोजन जैसे फल और सब्जीयाें सेवन अधिक करें, संतुलित आहार लें, इसी के साथ शराब, टम्बाकू या अन्य नशीले पदार्थ के सेवन को पूरी तरह से बंद करने से ही कैंसर से छुटकारा मिलेगा।
कैंसर इंस्टीट्यूट में 13 साल में पहुंचे मरीजों का डाटा
साल - कैंसर रोगी
2010- 2889
2011- 3095
2012- 3247
2013- 3341
2014- 3659
2015- 3932
2016- 4129
2017- 4327
2018- 4736
2019- 5122
2020- 6857
2021- 6511
2022- 6669
2023- 6574