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उपग्रह चित्रों के साथ जोशीमठ के धंसने का अध्ययन कर रहा एनआरएससी

jantaserishta.com
13 Jan 2023 10:30 AM GMT
उपग्रह चित्रों के साथ जोशीमठ के धंसने का अध्ययन कर रहा एनआरएससी
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चेन्नई/देहरादून (आईएएनएस)| नेशनल रिमोट सेंसिंग सेंटर (एनआरएससी) जोशीमठ में जमीन धंसने की सैटेलाइट तस्वीरों का विस्तार से विश्लेषण कर रहा है। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी दी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के हैदराबाद स्थित एनआरएससी ने गुरुवार को भू-धंसाव पर एक प्रारंभिक रिपोर्ट पेश की थी, जिसमें दिखाया गया था कि पूरा जोशीमठ धंस सकता है। तस्वीरें काटोर्सैट-2एस सेटेलाइट से ली गई हैं।
हैदराबाद स्थित एनआरएससी ने धंस रहे इलाकों की सेटेलाइट तस्वीरें जारी की हैं।
तस्वीरों में सेना के हेलीपैड और नरसिम्हा मंदिर सहित पूरे शहर को संवेदनशील क्षेत्र के रूप में चिन्हित किया गया है।
इसरो की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर उत्तराखंड सरकार खतरे वाले इलाकों में बचाव अभियान चला रही है और इन इलाकों में लोगों को प्राथमिकता के आधार पर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.
रिपोर्ट के मुताबिक अप्रैल से नवंबर 2022 के बीच जमीन का धंसना धीमा था, इस दौरान जोशीमठ 8.9 सेमी तक धंस गया था।
लेकिन 27 दिसंबर, 2022 और 8 जनवरी, 2023 के बीच, भू-धंसाव की तीव्रता में वृद्धि हुई और इन 12 दिनों में शहर 5.4 सेंटीमीटर धंस गया।
सेटेलाइट तस्वीरों से पता चलता है कि जमीन धंसने से जोशीमठ-औली सड़क भी धंसने वाली है।
यद्यपि वैज्ञानिक अभी भी कस्बे में भूमि धंसने के बाद घरों और सड़कों में दिखाई देने वाली दरारों का अध्ययन कर रहे हैं, लेकिन इसरो की प्राथमिक रिपोर्ट के निष्कर्ष भयावह हैं।
एनआरएससी के अनुसार भूस्खलन कीनेमेटीक्स की पहचान करने के लिए टेम्पोरल इनसार का विश्लेषण जारी है और परिणाम आगे अपडेट किए जाएंगे।
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