शहरी विकास मंत्रालय ने ऑनलाइन खाना डिलिवरी करने वाली कंपनी स्विगी से हाथ मिलाया है। जल्द ही दिल्ली, अहमदाबाद, चेन्नई, इंदौर और वाराणसी जैसे शहरों में लोग नुक्कड़ों पर मिलने वाले गोलगप्पों, खोमचों की चाटों और मुंह में पानी ला देने वाले स्ट्रीट फूड का मजा ले पाएंगे। अब इन व्यंजनों का घर बैठे ऑनलाइन ऑर्डर कर आनंद ले सकेंगे।
इसे पांच शहरों में पायलट परियोजना के तौर पर शुरू किया गया है, जहां 250 स्ट्रीट फूड वेंडरों को कंपनी के मंच से जोड़ा गया है। सफल रहने पर परियोजना को देश के और शहरों में लागू किया जाएगा।
मंत्रालय के अधिकारी ने बयान में बताया कि प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर आत्मनिर्भर निधि (पीएम स्वनिधि) योजना के तहत उठाए गए इस कदम से खोमचे वालों को हजारों ऑनलाइन ग्राहकों तक पहुंच बनाने और अपना कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी।
अधिकारी ने कहा कि इसके लिए मंत्रालय नगर निगम, भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं संरक्षा प्राधिकरण (एफएसएसएआई), स्विगी और जीएसटी अधिकारियों को शामिल कर समन्वय करेगा, ताकि इस पहल के लिए अनिवार्य जरूरतों को पूरा किया जा सके।
मंत्रालय के संयुक्त सचिव संजय कुमार और स्विगी के मुख्य वित्त अधिकारी राहुल बोहरा ने एक वेबिनार के माध्यम से इसके लिए सहमति ज्ञापन पत्र पर हस्ताक्षर किए। बयान के मुताबिक अहमदाबाद, चेन्नई, दिल्ली, इंदौर और वाराणसी के निगम आयुक्त भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से शामिल हुए।
अधिकारी ने कहा कि स्ट्रीट वेंडर्स को पैन और एफएसएसएआई पंजीकरण, प्रौद्योगिकी/साझेदार ऐप के उपयोग, मेनू डिजिटलीकरण और मूल्य निर्धारण, स्वच्छता और पैकेजिंग सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ प्रशिक्षण में मदद मिलेगी।
पीएम स्वानिधि योजना के तहत, स्ट्रीट वेंडर, 10,000 तक के वर्किंग कैपिटल लोन का लाभ उठा सकते हैं, जिसे एक वर्ष के भीतर मासिक किस्तों में चुकाया जा सकता है।