नई दिल्ली. पुरानी गाड़ी या फिर विंटेज कार चलाने का अपना ही मजा होता है और बहुत सारे लोग ऐसे होते हैं जो इन गाड़ियों को हमेशा अपने पास रखते हैं. अगर आप भी अपनी विंटेज कार (Vintage Car) या 15 साल पुरानी गाड़ी को फिर से सड़क पर दौड़ाना चाहते हैं तो अब चिंता करने की जरूरत नहीं है बल्कि खुश होने की जरूरत है. जी हां, आईआईटी दिल्ली ( IIT Delhi) के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर क्लीन एयर (CERCA) ने एक नया तरीका निकाला है जिसके जरिए विंटेज कार के शौकीन या फिर जिनके पास पुरानी गाड़ियां हैं, वह लोग शान से अपनी गाड़ियां भी चला सकेंगे और इन्वायरमेंट को सुरक्षित रखने में अपना सहयोग भी कर सकेंगे. आईआईटी दिल्ली के सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर क्लीन एयर विभाग के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर हेमंत कौशल ने बताया कि कई लोगों को पुरानी गाड़ियों से बेहद लगाव होता है और वह नहीं चाहते कि उनकी गाड़ियां कबाड़ हो जाएं, तो ऐसे में आईआईटी दिल्ली ने एक तरीका निकाला है और इस तरीके के जरिए किसी भी पेट्रोल या डीजल कार को इलेक्ट्रिक कार में बदल उसे फिर से सड़कों पर दौड़ा सकते हैं. जबकि ऐसी गाड़ियों को इलेक्ट्रिक कार बनाने में 2 महीने तक का वक्त लग सकता है. वहीं, इस बदलाव में 4 से 5 लाख तक का खर्च आ सकता है.
प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर हेमंत कौशल ने किया यह दावा
सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर क्लीन एयर विभाग के प्रोजेक्ट कोऑर्डिनेटर हेमंत कौशल ने बताया कि इलेक्ट्रिक कार के जरिए पर्यावरण की सुरक्षित रहेगा. इसके अलावा पेट्रोल और डीजल की बचत भी होगी. यही नहीं, हमारे युवाओं को रोजगार का नया अवसर भी मिलेगा. सेंटर ऑफ एक्सीलेंस फॉर क्लीन एयर की टेक्नोलॉजी के जरिए बेहद सरलता से पुरानी किसी भी पेट्रोल या डीजल कार को आसानी से और बेहद कम लागत में इलेक्ट्रिक कार में बदला जा सकता है. उन्होंने बताया कि आईआईटी दिल्ली में 1948 की एक पुरानी बीटल गाड़ी को इलेक्ट्रिक कार में बदला गया है. इस कार की बैटरी एक बार फुल चार्ज होने पर 70 किमी तक का सफर तय कर सकती है. आप अपनी जरुरत के हिसाब से बड़ी या छोटी बैटरी लगवा सकते हैं.