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अब ज्यादा सुरक्षित होगा सफर, रेल यात्रियों के लिए उठाया गया ये कदम
jantaserishta.com
4 Sep 2022 4:37 AM GMT
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न्यूज़ क्रेडिट: आजतक
नई दिल्ली: यात्री संरक्षा और सुरक्षा के प्रति सदैव तत्पर भारतीय रेलवे नई तकनीकों का उपयोग करता रहता है. इसी क्रम में पूर्व मध्य रेल (East Central Railway) द्वारा मिशन रफ्तार (Mission Raftaar) के तहत लगभग 208 करोड़ रुपये की लागत से पं. दीन दयाल उपाध्याय जं. से प्रधानखांटा तक ट्रेनों के संचलन में संरक्षा को बढ़ावा देने के लिए स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली 'कवच' के अंतर्गत लाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. चार चरणों में पूरी होने वाली इस परियोजना के पहले चरण में सोननगर से गया का कार्य प्रारंभ होगा. इस पूरी परियोजना को वर्ष 2024 के अंत तक पूरा कर लेने का लक्ष्य है.
लगभग 417 रूट किलोमीटर लंबे पं. दीन दयाल उपाध्याय जं.-मानपुर-प्रधानखांटा रेलखंड भारतीय रेल के दिल्ली-हावड़ा रेलखंड के व्यस्तम मार्ग का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. यह रेलखंड उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड राज्य से होकर गुजरता है. इस रेलखंड पर 08 जंक्शन स्टेशन सहित कुल 77 स्टेशन, 79 लेवल क्रॉसिंग गेट और 07 इंटरमीडिएट ब्लॉक सिग्नल हैं.
इस रेलखंड पर सभी प्रकार के मिश्रित यातायात, माल ढुलाई, मेल/एक्सप्रेस, पैसेंजर ट्रेनों का परिचालन किया जाता है. वर्तमान में इस रेलखंड पर 100 से 130 किमी/घंटा की गति स्वीकृत है. मिशन रफ्तार के तहत इसे बढ़ाकर 160 किमी/घंटा करने का लक्ष्य रखा गया है. इस संबंध में रेलवे ट्रैक के सुदृढ़ीकरण का कार्य भी तीव्रगति से जारी है.
'कवच' एक टक्कर रोधी तकनीक है. यह प्रौद्योगिकी रेलवे को शून्य दुर्घटनाओं के अपने लक्ष्य को हासिल करने में मदद करेगी. यह प्रौद्योगिकी माइक्रो प्रोसेसर, ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम और रेडियो संचार के माध्यमों से जुड़ा रहता है. यह तकनीक एक निश्चित दूरी के भीतर उसी ट्रैक पर दूसरी ट्रेन का पता लगाती है, तो ट्रेन के इंजन में लगे उपकरण के माध्यम से निरंतर सचेत करते हुए स्वचालित ब्रेक लगाने में सक्षम है. कवच एक स्वदेशी स्वचालित ट्रेन सुरक्षा प्रणाली है जो आरडीएसओ द्वारा विकसित सुरक्षा के उच्चतम स्तर SIL4 (Safety Integrity Level-4) मानक प्रमाणित एक अत्याधुनिक प्रणाली है.
यह प्रणाली ट्रेनों को खतरे (लाल) पर सिग्नल पार करने और टक्कर रोकने के लिए सुरक्षा प्रदान करने के लिए है. लोको पॉयलट द्वारा गति सीमा के अनुसार, ट्रेन को नियंत्रित नहीं कर पाने की स्थिति में यह ब्रेकिंग सिस्टम को स्वचालित रूप से सक्रिय करता है. इसके अलावा, यह ऐसे दो इंजनों के बीच टक्कर को रोकता है, जिनमें कवच प्रणाली काम कर रही है.
कवच प्रणाली मौजूदा सिग्नलिंग सिस्टम के साथ संपर्क बनाये रखती है तथा इसकी जानकारी परिचालन से जुड़े प्राधिकृत व्यक्तियों को निरंतर साझा करता रहता है. यह प्रणाली किसी भी आपात स्थिति में स्टेशन एवं लोको ड्राइवर को तत्काल कार्रवाई हेतु सचेत करने, साइड-टक्कर, आमने-सामाने की टक्कर एवं पीछे से होने वाली टक्करों की रोकथाम करने में सक्षम है. इसके साथ ही यह सिस्टम रोल बैक/फॉरवर्ड और रिवर्स मूवमेंट की स्थिति में लगातार सचेत करता है एवं समपार फाटकों की जानकारी स्वचलित सिटी के माध्यम से प्रदान करता है.
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