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अब वे आतंकवादी बनाना चाहते हैं, अजनाला की घटना पर बोले अमृतपाल सिंह

Nilmani Pal
25 Feb 2023 1:53 AM GMT
अब वे आतंकवादी बनाना चाहते हैं, अजनाला की घटना पर बोले अमृतपाल सिंह
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पंजाब। पंजाब के अजनाला की घटना ने जहां एक ओर खालिस्तानियों द्वारा पैदा खतरे को उजागर किया है. वहीं पंजाब पुलिस को भी सवालों के घेरे में ला दिया है. पुलिस पर सवाल उठ रहे हैं कि अगर आरोपी लवप्रीत सिंह तूफान निर्दोष था और मौके पर मौजूद नहीं था तो उसे गिरफ्तार क्यों किया गया? इसके अलावा, अगर अमृतपाल सिंह सहित अन्य के खिलाफ आरोप सही हैं तो उन्हें छोड़ा क्यों गया. क्या पंजाब पुलिस उन कट्टरपंथियों के दबाव में काम कर रही है, जिन्होंने पुलिस पर झूठे मामले दर्ज करने का आरोप लगाया है.

अजनाला मामले में पंजाब पुलिस की जांच पर वकीलों ने भी सवाल उठाए हैं. पुलिस पर यह भी सवाल उठ रहा है कि क्या पुलिस ने अमृतपाल सिंह द्वारा दिए गए सबूतों का सत्यापन किया है या यह आरोपियों को छोड़ने के लिए सिर्फ एक बहाना था.

वहीं 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह ने लवप्रीत तूफान के रिहा होने के बाद कहा कि 'एफआईआर फर्जी थी. बयान देकर डीजीपी डराने की कोशिश कर रहे हैं. अगर झूठे मामले फिर से दर्ज किए गए तो विरोध फिर से होगा. उन्होंने पहले गैंगस्टरों को पनाह दी थी. अब वे आतंकवादी बनाना चाहते हैं.' बता दें कि पुलिस गुरुवार को हथियारों से लैस प्रदर्शनकारियों को रोकने में विफल रही, जिन्होंने अपहरण और दंगों के आरोपियों में से एक तूफान की रिहाई को लेकर अजनाला पुलिस स्टेशन पर धावा बोल दिया था.

इस दौरान छह पुलिसकर्मी घायल हो गए. 'वारिस पंजाब दे' के प्रमुख अमृतपाल सिंह और उसके 25 साथियों के खिलाफ अजनाला पुलिस ने 16 फरवरी को केस दर्ज किया था. यह एफआईआर अमृतपाल सिंह के पूर्व सहयोगी बरिंदर सिंह की शिकायत पर दर्ज की गई थी. लवप्रीत सिंह तूफान के साथ अमृतपाल सिंह और पांच अन्य लोगों के अलावा 20 अज्ञात लोगों पर आईपीसी की धारा 365, 379बी (2), 323, 506 (II), 148, 149 सहित आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया था. आरोप था कि इन सभी ने कथित तौर पर बरिंदर सिंह नाम के व्यक्ति को अजनाला से अगवा कर लिया और फिर मारपीट की. इसी के साथ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने का भी आरोप है.


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