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नई दिल्ली. पंजाब (Punjab) और छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सियासी संकट के बीच कांग्रेस (Congress) को एक और झटका लगा है. भारतीय राजस्व सेवा (IRS) की पूर्व अधिकारी प्रीता हरित ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने पार्टी में खराब प्रबंधन की बात उठाई और कहा कि यहां 'अनाथ' की तरह महसूस होता है. हाल ही में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह (Captain Amarinder Singh) ने भी ऐलान कर दिया है कि वे कांग्रेस में नहीं रहेंगे. हालांकि, उन्होंने भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने की खबरों को भी नकारा था.
समाचार एजेंसी एएनआई से बीतचीत में उन्होंने कहा, 'यहां प्रबंधन बहुत खराब है. यहां अनाथ की तरह महसूस होता है. वे हमारी सेवाओं का उपयोग ही नहीं करते. मैं दलित बहुजन समुदाय के हक के लिए काम करने के लिए पार्टी में शामिल हुई थी. कांग्रेस पार्टी में बहुत कंफ्यूजन है, हमें नहीं पता किसे रिपोर्ट करना है और कौन हमें काम देगा.'
हरित ने मार्च 2019 में कांग्रेस की सदस्यता ली थी. पार्टी में शामिल होने से पहले वे आयकर विभाग में प्रधान आयुक्त के तौर पर काम कर रही थीं. उन्होंने बहुजन सम्यक संगठन की स्थापना की थी. इससे पहले कांग्रेस सासंद रही सुष्मिता देव ने भी पार्टी से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस का दामन थामा था. कांग्रेस के दिग्गज नेता और वकील कपिल सिब्बल ने भी फिर से कांग्रेस नेतृत्व पर सवाल उठाए थे.
पंजाब में कैप्टन अमरिंदर सिंह और नवजोत सिंह सिद्धू के बीच तनातनी के बाद कैप्टन ने सीएम पद छोड़ा था और सिद्धू को प्रदेश कांग्रेस की कमान दी गई थी. पूरे सियासी ड्रामे के बाद चरणजीत सिंह चन्नी को पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया गया. हालांकि, चन्नी कैबिनेट का विस्तार होने के कुछ मिनटों बाद ही सिद्धू ने भी अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने की पेशकश कर दी थी. इधर, अटकलें लगाई जा रही हैं कि 'अपमानित' महसूस कर रहे पूर्व सीएम कैप्टन जल्द ही नई पार्टी का ऐलान कर सकते हैं. खबर है कि वे कई कांग्रेस विधायकों के संपर्क में हैं.
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