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अब राज्यों और निजी क्षेत्र को मिल सकती है आयातित स्पुतनिक-वी की सभी डोज
Apurva Srivastav
28 April 2021 4:55 PM GMT
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रूस से आयातित होने वाली स्पुतनिक-वी वैक्सीन की सारी डोज राज्य सरकारों और निजी क्षेत्र को मिल सकती है।
रूस से आयातित होने वाली स्पुतनिक-वी वैक्सीन की सारी डोज राज्य सरकारों और निजी क्षेत्र को मिल सकती है। इसमें 50 फीसद वैक्सीन केंद्र सरकार को देने की शर्त नहीं होगी, जैसी देश में बनने वाली कोविशील्ड और कोवैक्सीन के लिए है। रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (आरडीईएफ) ने एक मई को पूरी तरह से तैयार स्पुतनिक-वी वैक्सीन भारत में सप्लाई करने का एलान किया है। वैसे अभी यह तय नहीं है कि वैक्सीन की कुल कितनी डोज भारत में आएगी।
माना जा रहा है कि आरडीईएफ मई में दो से तीन करोड़ डोज की सप्लाई कर सकता है। भारत में वितरण की जिम्मेदारी संभाल रही डॉक्टर रेड्डीज लेबोरेटरीज ने इसकी कीमत नहीं बताई है। यह भी अभी स्पष्ट नहीं है कि भारत पहुंचने के बाद वैक्सीन कितने दिनों में वैक्सीनेशन सेंटर पर लगने के लिए उपलब्ध होगी। डॉक्टर रेड्डीज लेबोरेटरीज ने मई के तीसरे हफ्ते में वैक्सीन उपलब्ध होने का दावा किया था। अब माना जा रहा है कि वैक्सीन दूसरे हफ्ते तक उपलब्ध हो जाएगी।
स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि मई या जून तक ही स्पुतनिक-वी को आयात करने की जरूरत पड़ेगी। उसके बाद भारत में ही इसकी हर महीने छह-सात करोड़ डोज बनने लगेगी। इसके लिए आरडीईएफ छह भारतीय कंपनियों के साथ समझौता कर चुका है, जो सालाना 85 करोड़ डोज का उत्पादन करेंगी। भारत की ये कंपनियां हिटेरो बायोफार्मा, ग्लैंड फार्मा, स्टेलिस बायोफार्मा, पनासिया बायोटेक, विरचॉव बायोटेक और शिल्पा मेडिकेयर हैं। भारत में बनने वाली स्पुतनिक-वी की 50 फीसद डोज केंद्र सरकार को मिलेगी।
Apurva Srivastav
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