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पंजाब में अब धान की बुवाई डीएसआर तकनीक से

Nilmani Pal
22 May 2022 12:01 PM GMT
पंजाब में अब धान की बुवाई डीएसआर तकनीक से
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पंजाब। पंजाब (Punjab) के कृषि विभाग ने धान के 12 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को धान की सीधी बुवाई डीएसआर तकनीक के तहत लाने का लक्ष्य रखा है. यह पिछले साल डीएसआर (DSR Technology) के तहत क्षेत्र की तुलना में लगभग दोगुना होगा. एक आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान (Bhagwant Mann) ने विभाग को निर्देश दिया है कि करीब 12 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को इस तकनीक के तहत लाने का प्रयास किया जाए. मान के पास कृषि विभाग का प्रभार भी है. डीएसआर तकनीक से की जाने वाली सिंचाई में काफी कम पानी लगता है. रिसाव कम होता है. कृषि श्रमिकों पर निर्भरता घटती है और मृदा की सेहत भी बेहतर होती है. इससे धान और चावल की उपज में पांच से 10 प्रतिशत का सुधार भी होता है. डीएसआर तकनीक के तहत धान के बीजों की बुवाई खेतों में मशीनों के जरिए की जाती है. वहीं, परंपरागत तरीके में धान के पौधे किसान नर्सरियों में उगाते हैं और उसके बाद इन्हें खेतों में लगाया जाता है.

किसानों को डीएसआर तकनीक के जरिए धान की बुवाई के लिए प्रोत्साहित करने को सरकार प्रति हेक्टेयर 1,500 रुपये का प्रोत्साहन भी देगी. किसानों को पानी की कम खपत वाली डीएसआर तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहन देने को सरकार ने 450 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की है. कुछ क्षेत्रों में चूहों द्वारा धान के खेतों को नुकसान पहुंचाने की खबरों के मद्देनजर मुख्यमंत्री ने कृषि विभाग (Punjab Agriculture Department) को किसानों को मुफ्त में चूहों पर नियंत्रण के लिए कीटनाशक उपलब्ध कराने को कहा है.

कृषि विभाग के निदेशक गुरविंदर सिंह ने कहा कि डीएसआर तकनीक के इस्तेमाल से परंपरागत खेती की तुलना में पानी की 15 से 20 प्रतिशत की बचत होती है. राज्य भर के किसान इस खरीफ सीजन के दौरान 30 लाख हेक्टेयर (75 लाख एकड़) के क्षेत्र में बासमती सहित धान की खेती करेंगे. लक्ष्यों को पाने के लिए पंजाब सरकार ने किसानों (Farmers) को इस पर्यावरण के अनुकूल तकनीक अपनाने के लिए प्रेरित किया है. इसके लिए कृषि, बागवानी, मंडी बोर्ड और जल और मिट्टी संरक्षण सहित अलग-अलग विभागों के लगभग 3000 अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति की गई है. पंजाब कृषि विश्वविद्यालय (लुधियाना) ने राज्य कृषि विभाग के अधिकारियों को डीएसआर तकनीक के बारे में समझाने के लिए एक दिन की स्पेशल ट्रेनिंग भी प्रदान की.


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