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अब बाढ़ राहत सामग्री में सैनिटरी नैपकिन भी शामिल, असम सरकार ने लिया फैसला

Deepa Sahu
1 Jun 2021 11:36 AM GMT
अब बाढ़ राहत सामग्री में सैनिटरी नैपकिन भी शामिल, असम सरकार ने लिया फैसला
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असम सरकार ने लिया फैसला

असम सरकार ने बाढ़ और अन्य प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित महिलाओं और किशोरियों को दी जाने वाली राहत सामग्री की सूची में सैनिटरी नैपकिन को भी शामिल किया है. एक अधिसूचना में इस बारे में बताया गया.राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग (Revenue and Disaster Management Department) आयुक्त और सचिव एम एस मणिवन्नन ने हाल में यह आदेश जारी किया है.

सभी जिला उपायुक्तों (डीसी) और उपमंडल अधिकारियों (एसडीओ) (सिविल) को इस ओर ध्यान दिलाते हुए आदेश में कहा गया है कि आपात स्थिति के दौरान बाढ़ संभावित क्षेत्रों में रहने वाली महिलाओं को किशोरियों के मासिक धर्म प्रबंधन को अब तक राहत उपायों में शामिल नहीं किया गया था. आदेश के अनुसार, ''इससे बाढ़ के दौरान मासिक धर्म संबंधी स्वच्छता का ध्यान रखने में महिलाओं और किशोरियों को विभिन्न और स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं का सामना करना पड़ता है.''
डीसी और एसडीओ अधिकारियों को दिया गया आदेश
आदेश के मुताबिक, बाढ़ आदि आपदा के दौरान महिलाओं और किशोरियों की गरिमा को बनाये रखने के लिए डीसी और एसडीओ स्तर के अधिकारियों को जीआर (निशुल्क राहत सामग्री) कोष से राहत सामग्री की सूची में सैनिटरी नैपकिन शामिल करने को कहा गया है.चक्रवाती तूफान यास के असम की ओर मुड़ने की वजह सेॉ सीमांचल के जिलों में तेज हवा के साथ भारी बारिश हुई.
पूर्णिया मौसम केंद्र द्वारा जिले में 24 घंटे में 26.1 एमएम बारिश रिकार्ड की गई जो इस साल प्री मानसून में दूसरी सबसे अधिक वर्षा है.वहीं 10 मई को 27 एमएम बारिश रिकार्ड की गई थी. इस बार प्री मानसून में अब तक पूर्णिया में 175 एमए वर्षा हो चुकी है.असम की तरफ यास चक्रवात की दिशा मुड़ जाने के कारण सीमांचल में इसका काफी असर रहा.
देर रात से ही उत्तरी-पश्चिमी हवा चलने के कारण आसमान में बादल का छाना शुरू हो गया और गुरुवार सुबह से ही बारिश शुरू हो गई. यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा. शाम के बाद वर्षा की रफ्तार और तेज हो गई जो रात में भी रही. इस दौरान बारिश के साथ 25 से 30 किमी की रफ्तार से हवा भी चली जिससे जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया
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