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अब हमारा भारतीय रेलवे किसी मेट्रो सेवा से कम थोड़े ही है

Kajal Dubey
14 March 2021 5:13 PM GMT
अब हमारा भारतीय रेलवे किसी मेट्रो सेवा से कम थोड़े ही है
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कोरोना को मात देती हुई भारतीय रेलवे एक बार फिर अपनी रफ्तार पकड़ने की कोशिश कर रही है पर इस बार नये अवतार में -- आईये बात करतें है़ं रेलवे के नये अवतार मे हुये कुछ बदलाव की- BY RAGHAV TIWARI जनता से रिश्ता

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | कहतें है़ं ना कि बडे़ बदलाव के लिऐ बडे़ बहाना की भी आवश्यकता होती है । शायद हुआ भी ऐसा ही है , कोरोना वायरस से तो आप सब भलीभांत परिचित होंगें । यह हमारे लिऐ बहुत घातक साबित हुआ था पर जैसे हर सिक्के के दो पहलु होते है उसी प्रकार इस वायरस की वजह से कुछ सकारात्मक बदलाव भी सामने आये । हम बात कर करतें है no भारतीय रेलवे की .. जब से रेलवे प्रारम्भ हुआ तब से लगातार अपनी सेवाएँ दे रहा है लेकिन कोरोना ने भारतीय रेलवे की रफ्तार में ब्रेक लगा दिये थे । एक बडी़ वजह से एक बडा़ बदलाव हुआ । कोरोना को मात देती हुई भारतीय रेलवे एक बार फिर अपनी रफ्तार पकड़ने की कोशिश कर रही है पर इस बार नये अवतार में -- आईये बात करतें है़ं रेलवे के नये अवतार मे हुये कुछ बदलाव की ----

1. पहले रेलवे का दूसरा नाम मुफ्त सफर गाड़ी भी कह सकते थे पर अब बिना टिकट स्टेशन में प्रवेश भी सम्भव नहीं ।




2. पहले गाड़ी पकड़ने के चक्कर में कई बार लोग दुर्घटना के भी शिकार हो जाते थे पर अब गाड़ी समय से लगभग 45 मिनट पहले अपने स्थान पर आ जाती है ।3. पहलें ट्रेन के प्लेटफार्म पता करने में यात्रियों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता था पर अब स्टेशन के बाहर ही कई तादात में पूछताछ काउन्टर बने हुऐ हैं ।




4. और सबसे बड़ा बदलाव जो मुझे बहुत अच्छा लगा R.P.F. में । पूरे लाकडाउन में नागरिक पुलिस ने आम जनता में अपनी अच्छी छवि बनायी और अब R.P.F. की बारी ... मैंने रेलवे में अनगिनत सफर किये पर R.P.F. को कभी मुख्य भूमिका में कार्य करते हुये नहीं देखा पर इस बार स्टेशन में प्रवेश करनें से लेकर सफर खत्म होने तक R.P.F. की मुख्य भूमिका है । यात्रियों की ट्रेन में कोच और सीट ढूंढने में बेझिझक और पूरे मन से मदद करते नजर आये । तथा यात्रियों के हर सवाल का जबाव देने में सक्षम नजर आये ।




इसको आप नीचे दी कुछ तस्वीरों से महसूस कर सकते हैं।
5. पहले लोग ₹ देने के वावजूद भी आरामदायक सफर नहीं कर पाते थे पर अब चाहे गरीब हो अमीर हो वह इज्जत तथा हक के साथ अपनी सीट पर बैठता है ।




अपील ----
सभी भारतीयों की तरफ से मेरी भारत सरकार से एक अपील है कि रेलवे पहले भी चलता था और अब भी , लोग पहले भी सफर करते थे और अब भी सफर करते हैं पर तरीके में अब जमीं आसमाँ का अन्तर है । यात्री ₹ देने में पीछे नहीं है पर वह सीट की अपेक्षा भी रखता है । रेलवे का वर्तमान प्रबन्ध ही सबसे बेहतर है कृपया अब पिछले जैसा रेलवे मत होने देना । सामान्य दिनों में यह बदलाव लागू करना सम्भव नहीं था पर कोरोना की वजह से इसे लागू करना मजबूरी हो गया था लेकिन इस मजबूरी में बने नियम पहले से बेहतर साबित हुये । कृपया इस सकारात्मक बदलाव को स्वीकार करें और इसी में बेहतरी के प्रयास करें ।
👉अब हमारा रेलवे किसी मेट्रो सेवा से कम थोडी़ है ।
Thanku covid 19 for great changement in our indian railway


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