भारत

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब क्यों नहीं करेंगे 'मन की बात'? सामने आई वजह

Bharti Sahu 2
25 Feb 2024 7:31 AM GMT
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अब क्यों नहीं करेंगे मन की बात? सामने आई वजह
x

फाइल फोटो

पीएम मोदी ने कहा, 'देश में लोकसभा चुनाव का माहौल है और जैसा कि पिछली बार हुआ था, संभावना है कि मार्च के महीने में आचार-संहिता भी लग जाएगी.
नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के 110वें एपिसोड के जरिए लोगों को संबोधित किया. इस दौरान प्रधानमंत्री ने तीन लोगों से फोन पर बात भी की और विभिन्न सरकारी योजनाओं के संबंध में उनके अनुभवों का जाना. पीएम मोदी ने प्राकृतिक खेती के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि कैमिकल से हमारी धरती मां को जो पीड़ा हो रही है उसे बचाने में मातृ संस्था का बड़ा योगदान है.उन्होंने कहा कि देश के कोने-कोने में महिलायें अब प्राकृतिक खेती को विस्तार दे रही हैं.
प्रधानमंत्री ने कहा कि वह अगले तीन महीने तक अब मन की बात कार्यक्रम को नहीं कर पाएंगे. उन्होंने कहा, ' मन की बात में देश की सामूहिक शक्ति की, उपलब्धि की बात होती है. ये एक तरह से जनता का, जनता के लिए, जनता द्वारा तैयार होने वाला कार्यक्रम है. अब अगले तीन महीने ‘मन की बात’ का प्रसारण नहीं होगा.'
पीएम मोदी ने कहा, 'देश में लोकसभा चुनाव का माहौल है और जैसा कि पिछली बार हुआ था, संभावना है कि मार्च के महीने में आचार-संहिता भी लग जाएगी. ये 'मन की बात' की बहुत बड़ी सफलता है कि बीते 110 एपिसोड में हमने इसे सरकार की परछाई से भी दूर रखा है. 'मन की बात' में देश की सामूहिक शक्ति की बात होती है, देश की उपलब्धि की बात होती है. ये एक तरह से जनता का, जनता के लिए, जनता द्वारा तैयार होने वाला कार्यक्रम है. लेकिन फिर भी राजनीतिक मर्यादा का पालन करते हुए लोकसभा चुनाव के इन दिनों में अब अगले 3 महीने 'मन की बात' का प्रसारण नहीं होगा. अब जब आपसे 'मन की बात' में संवाद होगा तो वो 'मन की बात' का 111वां एपिसोड होगा. अगली बार 'मन की बात' की शुरुआत 111 के शुभ अंक से हो तो इससे अच्छा क्या होगा'
इस दौरान पीएम मोदी ने जल संरक्षण का भी जिक्र किया और बताया कि कैसे रेनवाटर हॉर्वेस्टिंग से पानी बचाया जा सकता है. वन्य जीव संरक्षण का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, 'आपको ये जानकर खुशी होगी कि हमारे देश के अलग-अलग हिस्सों में वन्य जीवों के संरक्षण के लिए टैकनोलजी का खूब उपयोग हो रहा है. पिछले कुछ वर्षों में सरकार के प्रयासों से देश में बाघों की संख्या बढ़ी है. महाराष्ट्र के चंद्रपुर के टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या ढ़ाई-सौ से ज्यादा हो गयी है. चंद्रपुर जिले में इंसान और बाघों के संघर्ष को कम करने के लिए AI की मदद ली जा रही है.'
Next Story