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अब भारत जोड़ो आंदोलन की हुई शुरुआत, सभी अंग्रेजी कानून खत्म करने की मांग

Deepa Sahu
8 Aug 2021 3:23 PM GMT
अब भारत जोड़ो आंदोलन की हुई शुरुआत, सभी अंग्रेजी कानून खत्म करने की मांग
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सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और पीआईएल मैन के नाम से प्रसिद्ध अश्विनी उपाध्याय ने रविवार यानी 8 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर जंतर-मंतर पर भारत जोड़ो आंदोलन शुरू किया।

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता और पीआईएल मैन के नाम से प्रसिद्ध अश्विनी उपाध्याय ने रविवार यानी 8 अगस्त को भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर जंतर-मंतर पर भारत जोड़ो आंदोलन शुरू किया। इस दौरान उन्होंने 1860 में बने इंडियन पीनल कोड, 1861 में बने पुलिस एक्ट, 1863 में बने रिलिजियस एंडोमेंट एक्ट और 1872 में बने एविडेंस एक्ट सहित सभी 222 अंग्रेजी कानूनों को खत्म करने की मांग की। इसके अलावा भारत में समान शिक्षा, समान चिकित्सा, समान कर संहिता, समान दंड संहिता, समान श्रम संहिता, समान पुलिस संहिता, समान न्यायिक संहिता, समान नागरिक संहिता, समान धर्मस्थल संहिता और समान जनसंख्या संहिता लागू करने की भी मांग की गई।

भारत जोड़ो अभियान के संयोजक अश्विनी उपाध्याय ने कहा कि जब तक घटिया 222 अंग्रेजी कानून खत्म नहीं होंगे, तब तक जातिवाद, भाषावाद, क्षेत्रवाद अलगाववाद, कट्टरवाद, मजहबी उन्माद, माओवाद, नक्सलवाद, तुष्टीकरण और राजनीति का अपराधीकरण कम नहीं होगा। जब तक अंग्रेजी कानून खत्म नहीं होंगे, तब तक चोरी, लूट, घूसखोरी, जमाखोरी, कालाबाजारी, हवाला कारोबार, कालाधन और बेनामी संपत्ति कम नहीं होगी। जब तक घटिया अंग्रेजी कानून खत्म नहीं होगा, तब तक रोहिंग्या बांग्लादेशी घुसपैठ और साम दाम दंड भेद द्वारा धर्मांतरण समाप्त नहीं होगा।
अंग्रेजों ने घटिया कानून बनाए
देश भर से हजारों की संख्या में आए लोगों को संबोधित करते हुए उपाध्याय ने कहा कि अंग्रेजों ने भ्रष्टाचार और अपराध कम करने तथा भारत के लोगों को न्याय देने के लिए नहीं, बल्कि अपनी सत्ता को मजबूत करने के लिए घटिया कानून बनाया था। अंग्रेजों ने कानून बनाते समय किसी भारतीय से विचार विमर्श नहीं किया था। अंग्रेजों ने सभी कानून केवल अपनी सत्ता को मजबूत करने के लिए बनाया था। 1860 का आईपीसी भारत में अपराध कम करने के लिए नहीं, बल्कि तिलक और लाला लाजपत राय को लाठियों से पीटने, वीर सावरकर जैसे देशभक्तों को आजीवन कारावास देने तथा भगत सिंह सुखदेव राजगुरु को फांसी देने के लिए बनाया था।
1861 का पुलिस एक्ट किसी काम का नहीं
उपाध्याय ने कहा कि 1861 का पुलिस एक्ट महा घटिया है। इस घटिया कानून के कारण पुलिस पहले अंग्रेजों की गुलामी थी और अब सत्ताधारी पार्टी की गुलाम है। अंग्रेजों ने 1863 में रिलिजियस एंडोमेंट एक्ट बनाकर हिंदू, जैन, बौद्ध और सिख के धर्मस्थलों पर कब्जा कर लिया और वह कानून आज भी चल रहा है। आज भारत के 4 लाख मंदिरों पर सरकार का कब्जा है, लेकिन एक भी मस्जिद, चर्च, मजार या दरगाह सरकार के कंट्रोल में नहीं है, इसीलिए अंग्रेजी कानूनों को बदलना आवश्यक है। जब हम 2020 में आजादी की 75वीं वर्षगांठ मनाए, उस समय भारत में एक भी अंग्रेजी कानून नहीं होना चाहिए, क्योंकि जब तक नया कानून नहीं बनेगा, तब तक नया भारत नहीं बनेगा।
कार्यक्रम में वरिष्ठ पुलिस अधिकारी डॉक्टर आनंद कुमार, वरिष्ठ नौकरशाह आरवीएस मणि, लेफ्टिनेंट जनरल विष्णु कांत चतुर्वेदी, सामाजिक कार्यकर्ता भाई प्रीत सिंह और अनिल चौधरी, आध्यात्मिक गुरु स्वामी जितेन्द्रानंद सरस्वती, कालका पीठाधीश्वर महंत सुरेंद्र नाथ, स्वामी यतींद्रानंद गिरी और महाभारत में युधिष्ठिर का किरदार निभाने वाले गजेंद्र चौहान उपस्थित थे।
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