अब फकीर होने का दावा प्रधान सेवक न करें, सांसद संजय राउत ने पीएम मोदी पर कसा तंज
दिल्ली। सांसद संजय राउत (Sanjay Raut) ने शिवसेना के मुखपत्र 'सामना ' में लिखे अपने आर्टिकल 'रोखठोक' में पीएम नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) पर जम कर हमला बोला है. नए साल में लिखे इस पहले लेख में संजय राउत ने पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों, महंगाई-बेरोजगारी, नाइट कर्फ्यू, आने वाले विधानसभा चुनावों जैसे मुद्दों पर घेरते हुए एक बार फिर केंद्र सरकार की नीतियों पर कई सवाल खड़े किए हैं. संजय राउत ने लिखा है कि, 'साल 2021 बीत गया, लेकिन 2022 में कोई उम्मीद की किरण नजर आएगी क्या? महंगाई और बेरोजगारी का कोई समाधान नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी के लिए अब 12 करोड़ रुपए की नई मर्सिडीज बेंज गाड़ी खरीदी गई. इसमें सरकार सफर कर रही है.'
आगे शिवसेना सांसद लिखते हैं कि, ' खुद को फकीर बताने वाले और प्रधान सेवक होने का दावा करने वाले पीएम मोदी ने विदेशी मॉडल की कार खरीदी. पीएम की सुरक्षा, आराम अहम है. लेकिन इसके बाद में फकीर होने का दावा प्रधान सेवक न करें. पीएम मोदी जिन्होंने मेक इन इंडिया, स्टार्ट अप इंडिया, स्वदेशी आदि उपक्रम शुरू किए. वही विदेश में निर्मित वाहनों का उपयोग करते हैं. पंडित नेहरू हमेशा हिंदुस्तानी मॉडल की एंबेसडर कार का इस्तेमाल करते थे.' इस तर्क पर कि पीएम की सुरक्षा भी जरूरी है इसलिए इस तरह की बुलेट प्रूफ, बम प्रूफ गाड़ी का होना जरूरी है, संजय राउत ने कहा कि, 'विभाजन के बाद नेहरू का जीवन सर्वाधिक खतरे में था. महात्मा गांधी ने बेखौफ होकर खूनी हमले का सामना किया. अपनी जान को भारी खतरा होने के बावजूद इंदिरा गांधी ने अपनी सुरक्षा व्यवस्था में सिख अंगरक्षकों को नहीं बदला. राजीव गांधी तमिलनाडु में गए और वहां लिट्टे ने उनकी हत्या कर दी. यह उनका साहस था. उन्होंने यह जोखिम उठाया. इस लिहाज से प्रधानमंत्री मोदी की 12 करोड़ की बुलेटप्रूफ, बमप्रूफ कार अहम है.'
शिवसेना सांसद संजय राउत आगे लिखते हैं कि, 'पेट्रोल और डीजल के दाम कम करना अब लगभग नामुमकिन सा हो गया है. पेट्रोल और डीजल की कीमतों में वृद्धि नेहरू की नीतियों के कारण हुई, ऐसा ठीकरा फोड़कर मोदी सरकार 12 करोड़ रुपए की नई मर्सिडीज बेंज कार में विराजमान हो गई है. मोदी का समाचार चैनलों पर रोज दर्शन करें तो वे प्रतिदिन अपने भ्रमण पर कितना समय और पेट्रोल खर्च कर रहे हैं, यह समझ में आ जाएगा. मंत्रियों के वाहन, व्यवसायी, बड़े नेताओं के चार्टर विमान उड़ रहे हैं और लोगों को उपदेश की खुराक दी जा रही है.'
इसके अलावा संजय राउत ने अपने इस लेख में बहुत कुछ लिखा है. उन्होंने लिखा है कि आज कांग्रेस के काल के करप्शन और वंशवाद का स्थान तानाशाही ने ले लिया है. निजीकरण के नाम पर सबकुछ बेचा जा रहा है. नतीजतन करोड़ो नौकरियां खतरे में पड़ गई हैं. सकल राष्ट्रीय आय से देश का कर्ज अधिक है. मोदी उत्तर प्रदेश में जनसभाएं करते हैं और दिल्ली में आकर कोरोना, ओमिक्रॉन को लेकर चिंता व्यक्त करते हैं. पाबंदियों के चलते लोगों का रोजगार और कारोबार चौपट हो गया है लेकिन इनकी चुनावी सभाएं शुरू हैं. आखिर में संजय राउत ने लिखा है कि, 'नववर्ष की शुभकामना देते हुए आम आम जनता से एक ही गुजारिश करनी है कि जो हुआ सो बहुत हो गया. साल 2022 में तो समझदार बनो. नेता और मंत्री रोज झूठ बोलते हैं. उन्हें इतनी गंभीरता से न लें. क्योंकि अंत में गलत लोगों को हौद में बैठाने का काम भी आपके ही हाथों से होता है.'