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अब कोरोना ने लाई नई मुसीबत, ठीक हो चुके 14 लोगों के पहली बार लीवर में मिले बड़े फोड़े, डॉक्टरों ने कही यह बात

Deepa Sahu
22 July 2021 5:26 PM GMT
अब कोरोना ने लाई नई मुसीबत, ठीक हो चुके 14 लोगों के पहली बार लीवर में मिले बड़े फोड़े, डॉक्टरों ने कही यह बात
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कोरोना महामारी जैसे आफत का दूसरा नाम बनकर आई है।

नई दिल्ली: कोरोना महामारी जैसे आफत का दूसरा नाम बनकर आई है। कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके कई लोगों में दूसरी गंभीर बीमारियां घर कर रही हैं। ब्लैक फंगस, वाइट फंगस, येलो फंगस, दिमाग सिकुड़ने, हड्डियों के गलने के बाद अब कोरोना से ठीक हो चुके लोगों में एक और खतरनाक बीमारी देखी गई है। कोरोना वायरस के संक्रमण से ठीक होने वाले 14 मरीजों के लीवर में 'असमान्य बड़े' और कई फोड़े पाए गए। दिल्ली के एक बड़े प्राइवेट अस्पताल के अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी।

इन 14 में से एक मरीज की पेट में बहुत ज्यादा खून बहने से मौत हो गई। कोरोना के इलाज के दौरान 14 मरीजों में से 8 को स्टेरॉइड की खुराक दी गई थी। डॉक्टरों ने बताया कि लीवर में फोड़े आम तौर पर एंटअमीबा हिस्टोलिटिका नाम के परजीवी की वजह से होते हैं, जो दूषित भोजन और जल की वजह से फैलता है। डॉक्टरों ने बताया कि ये मरीज (10 पुरुष और चार महिला) 28-74 आयु वर्ग के हैं और इन्हें पिछले दो महीनों में अस्पताल में लाया गया था।
अस्पताल के एक प्रवक्ता ने बताया, 'हमने दो महीनों में कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त होने वाले 14 मरीजों में पहली बार लीवर में इस तरह के असमान्य बड़े फोड़े देखे।' डॉक्टरों को शक है कि खराब पोषण और स्टेरॉइड की खुराक लेने से मवाद बना और लीवर को नुकसान पहुंचा।
सर गंगा राम अस्पताल के लीवर गैस्ट्रोएंटरोलॉजी एंड पैन्क्रियाटिकबिलरी साइंसेज के अध्यक्ष डॉक्टर अनिल अरोड़ा ने बताया कि कोविड-19 से ठीक होने के 22 दिन के भीतर लीवर के दोनों हिस्सों के बड़े दायरे मवाद से भर गए। ऐसी स्थिति में मरीज को अस्पताल में भर्ती करने और मवाद को बाहर निकलने की प्रक्रिया की जरूरत थी।
इनमें से 13 मरीजों की जान तो बच गई लेकिन एक मरीज की मौत पेट में अत्यधिक रक्त स्राव की वजह से हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि ये सभी मरीज बुखार से पीड़ित थे और इन्हें पेट के ऊपरी हिस्से में दर्द की भी शिकायत थी। अरोड़ा ने बताया कि इनमें से आठ मरीजों को कोविड-19 इलाज के दौरान स्टेरॉइड की खुराक दी गई थी। डॉक्टरों ने बताया कि खराब पोषण लेने वाले, एचआईवी और कैंसर के मरीजों में कमजोर प्रतिरोधक क्षमता और स्टेरॉइड के इस्तेमाल से अमीबा फोड़ों की समस्या पैदा करता है।
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