भारत में अब रोजाना आएंगे 5 लाख कोरोना केस, विशेषज्ञ डॉक्टर का दावा
भारत में अगले महीने कोरोना वायरस के मामले पीक पर पहुंच सकते हैं और ऐसी आशंका है कि प्रति दिन 5 लाख केस तक सामने आएंगे. ये बात अमेरिका के स्वास्थ्य विशेषज्ञ डॉक्टर क्रिस्टोफर मूरे ने कही है. वह वाशिंगटन में स्वास्थ्य मेट्रिक्स और मूल्यांकन संस्थान (Institute for Health Metrics & Evaluation) के निदेशक हैं. उन्होंने कहा कि 'देश में डेल्टा के मुकाबले ओमिक्रॉन कम गंभीर होगा.'
डॉक्टर मूरे ने कहा, 'आप ओमिक्रॉन की लहर में प्रवेश कर रहे हैं, दुनिया के बाकी कई देशों की तरह, और हमें इस बात की आशंका है कि पीक के दौरान प्रति दिन बड़ी संख्या में मामले आएंगे, जितने मामले डेल्टा की लहर में सामने आए, ये उससे अधिक होंगे लेकिन 'ओमिक्रॉन बहुत कम गंभीर है (Coronavirus 3rd Wave India Date). तब बहुत मामले आएंगे और रिकॉर्ड स्तर पर होंगे. लेकिन बीमारी कम गंभीर रहेगी. अभी हम मॉडल्स पर काम कर रहे हैं, जिन्हें बाद में जारी किया जाएगा, हमें लगता है कि पीक के समय पांच लाख मामले भी आ सकते हैं, जो अगले महीने देखने को मिल सकता है.'
भारत के ज्यादातर विशेषज्ञों ने कहा है कि देश के पास हाइब्रिड इम्युनिटी है, तो ऐसे में ओमिक्रॉन कम गंभीर होगा. इसपर डॉक्टर मूरे ने कहा, 'हमें दक्षिण अफ्रीका जैसे देशों से पता चला है कि टीकाकरण के चलते बीमारी की गंभीर स्थिति से बचने में मदद मिली है, इससे मौत या फिर अस्पताल में भर्ती होने का खतरा भी कम दिखा है (Will There be a Third Wave of Coronavirus). इसलिए हमें लगता है कि भारत में भी ओमिक्रॉन के बहुत मामले आएंगे, लेकिन डेल्टा लहर के मुकाबले अस्पतालों में कम लोग भर्ती होंगे और कम मौत दर्ज होंगी.' वेरिएंट के चलते गंभीर स्थिति और अस्पताल में मरीजों के भर्ती होने की दर पर पूछे गए सवाल के जवाब में डॉक्टर ने कहा, 'हमें लगता है कि संक्रमण के 85.2 फीसदी मामलों में कोई लक्षण दिखाई नहीं देंगे. ये बिना लक्षण वाले मामले होंगे लेकिन इनमें भी हमें लगता है कि कई लोग अस्पताल में भर्ती हो सकते हैं और मौत हो सकती हैं (India Coronavirus Third Wave). हम अब भी कई लोगों को अस्पताल में भर्ती होते देख रहे हैं और मौत के मामलों की बात करें, तो इसका आंकड़ा कम ही रहेगा. ऐसे में भारत में डेल्टा लहर से तुलना करें, तो अस्पतालों में लोगों के भर्ती होने की दर एक चौथाई होगी और डेल्टा की लहर के मुकाबले मौत भी कम होंगी.'
कुछ विशेषज्ञों का ऐसा मानना है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट (Omicron Variant) के फैलने से नए म्यूटेशन पैदा हो सकते हैं. इस बारे में बात करते हुए डॉक्टर मूरे ने कहा, 'म्यूटेशन की बात करें, तो वह कम भी हो सकते हैं. तो बीमारी जितनी फैलेगी, म्यूटेशन का खतरा उतना ही ज्यादा होगा. लेकिन ओमिक्रॉन बहुत तेजी से फैलता है और अगले एक से दो महीने में इसके मामलों में बड़ा उछाल दिखाई देगा. तो हमें लगता नहीं है कि कोई नया वेरिएंट आएगा क्योंकि ओमिक्रॉन ही काफी तेजी से फैलने वाला है.'