यूपी। उत्तर प्रदेश चुनाव के मददनजर ताबड़तोड़ धर्मेंद्र प्रधान के घर हुईं भाजपा की बैठक में मजबूती से कई लोगोें ने कहा कि भले ही पार्टी ने कुछेक चेहरे मंत्रिमंडल में शामिल कर लिए, फिर भी प्रदेश का ब्राह्मण तबका रूठा हुआ है। इसी के चलते भाजपा ने ब्राह्मण कमेटी बनाई और इसका नेतृत्व राज्यसभा सांसद पूर्व वित्तराज्य मंत्री भारत सरकार शिव प्रताप शुक्ला को सौंप दिया गया। उनसे 'जनता से रिश्ता' की खास बातचीत हुई। श्री शुक्ल ने बताया कि ऐसा कुछ नहीं है जैसा कहा जा रहा है वह सिर्फ विपक्ष का प्रचार है कि बीजेपी से ब्राह्म्मण समाज नाराज है। जब ज्यादा नैकट्य होता है, करीबी होता है, अपनापन होता है तब अपेक्षाएं बढ़ जाती हैं। वे अपेक्षाएं ही गलत फहमी को पैदा करती हैं। गलत फहमी से सदैव विरोध का जन्म नहीं लेता, बल्कि कभी-कभी वह मनुष्य को तटस्थ भी बना सकता है।
हमारी टीम का काम सिर्फ उनकी तटस्थता के भाव से फिर सभी को उसी जज्बे की तरफ ले जाएं, जिसके चलते उन्होंने भव्य विजय भाजपा को दिलाई थी। वहीं ये पूछने और करने का कोई अर्थ भी नहीं हैं कि भारतीय जनता पार्टी विस चुनाव य किसी भी चुनाव को लेकर चिंतित है, बिल्कुल नहीं। पूरे प्रदेश में कहीं कमल के अलावा कुछ नहीं दिखाई देता। भाजपा का एक-एक कार्यकर्ता आज संकल्पबद्ध है कि आगामी दस मार्च को उप्र में जीत का परचम लहराएगी। लेकिन गोरखपुर की राजनीति का गणित को लेकर कुछ और रहा है। नहीं माना जाना चाहिए। इस लिए बीते हुए कल का सदैव कोई ऐतिहासिक महत्व नहीं होता। फिर आज जैसा मैंने बताया कि आज पार्टी से जुड़ा एक-एक शख्स भाजपा के लिए चुनावी समर में उतर गया है। शुक्लाजी, मूलत: राष्टय स्वयं सेवक संघ से जुड़े हैं, प्रतिबद्ध और समर्पित। इस लिए वे मानते और कहते हैं कि पार्टी सदैव कार्यकर्ताओं को कुछ न कुछ जिम्मेदारी देती रहती है। हम जैसे कार्यकर्ताओं का काम है निष्ठापूर्वक जुटे और जुड़े रहें।