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अनुमति नहीं फिर भी लखीमपुर जा रहे राहुल, साथ हैं भूपेश, चन्नी व सचिन

jantaserishta.com
6 Oct 2021 5:11 AM GMT
अनुमति नहीं फिर भी लखीमपुर जा रहे राहुल, साथ हैं भूपेश, चन्नी व सचिन
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लखीमपुर खीरी हिंसा : दिल्ली में प्रेस कांफ्रेस ले रहे राहुल गांधी

लखनऊ (ए./नेट डेस्क/टीवी चैनल्स)। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के बाद अब इस मुद्दे पर राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भी आज लखनऊ पहुंचेंगे। सूत्रों के मुताबिक आज दोपहर 12:30 बजे राहुल गांधी लखनऊ पंहुचेंगे। राहुल प्रियंका से मिलने सीतापुर और पीडि़त किसानों से मिलने लखीमपुर भी जाएंगे। राहुल गांधी के साथ सचिन पायलट, चरणजीत चन्नी,भूपेश बघेल, केसी वेणुगोपाल भी लखीमपुर जाएंगे। हालांकि, योगी सरकार ने राहुल गांधी के दौरे के लिए अनुमति नहीं दी है।

कांग्रेस के संगठन महासचिव ने सीएम योगी आदित्यनाथ को चि_ी लिखी थी। राहुल गांधी समेत पांच नेताओं के लखीमपुर जाने की अनुमत मांगी थी। वेणुगोपाल ने लिखा कि बाकी पार्टी के नेताओं को आपने जाने दिया पर प्रियंका गांधी को बिना किसी वजह के आपने हिरासत में रखा है। जैसे कि आपने बाकी नेताओं को जाने दिया उसी तरह से राहुल गांधी समेत पांच नेताओं को जाने दीजिए।
यूपी सरकार ने राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस के प्रतिनिधिमंडल को लखीमपुर खीरी का दौरा करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया। लखीमपुर में तीन अक्टूबर को हुए बवाल के बाद से धारा-144 लागू है। उधर, लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की जांच के लिए मंगलवार को एसआईटी का गठन किया गया है। 6 सदस्यीय एसआईटी लखीमपुर कांड की जांच करेगी। आईजी लक्ष्मी सिंह ने कहा कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी। आशीष मिश्रा को नामजद आरोपी बनाया गया है। आशीष मिश्रा, बीजेपी सांसद और केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे हैं। लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा के पीडि़तों से मिलने पहुंचीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा को गिरफ्तार कर लिया गया है। खबर है कि प्रियंका के खिलाफ केस दर्ज कर लिया गया है और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है। प्रियंका गांधी को सीतापुर के पीएसी गेस्ट हाउस में गिरफ्तार कर रखा गया गया है। प्रियंका की गिरफ्तारी के विरोध में कांग्रेस समर्थकों ने पीएसी कैंपस के सामने कैंडल मार्च निकाला है। कांग्रेस लगातार दूसरे दिन कैंडल मार्च निकाल रही है। वहीं, पंजाब कांग्रेस के कद्दावर नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने अपने ट्विटर हैंडल से बीजेपी सरकार को खुली चुनौती दी है। उन्होंने लिखा है कि अगर बुधवार तक किसानों की बर्बर हत्या में शामिल केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र के बेटे को गिरफ्तार नहीं किया गया और उनकी नेता प्रियंका गांधी को नहीं छोड़ा गया, तो पंजाब कांग्रेस लखीमपुर खीरी के लिए मार्च करेगी।
चिदंबरम ने प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी पर सवाल उठाया : पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम ने प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी पर योगी सरकार को घेरते हुए कहा कि उप्र में कानून का राज नहीं है। वहां मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का कानून चलता है। उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा को हिरासत में लिए जाने से जुड़े तथ्य और हालात साबित करते है कि यूपी में कानून का राज नही है। उन्हें हिरासत में लेना और गिरफ्तारी पूरी तरह गैरकानूनी और सत्ता का दुरुपयोग है।
चिदंबरम ने दावा किया कि प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी दंड प्रक्रिया संहिता के कई प्रावधानों का उल्लंघन है। कांग्रेस नेता ने कहा कि किसी महिला को शाम के बाद और सूर्योदय से पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। जबकि प्रियंका गांधी को भोर साढे चार बजे गिरफ्तार किया गया। इसके साथ उन्हें एक पुरुष अधिकारी ने गिरफ्तार किया है।
राउत ने राहुल से की मुलाकात
शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की। उन्होंने इस पूरे मामले में उत्तर प्रदेश सरकार की भी कठघरे में खड़ा किया है। राहुल गांधी से मुलाकात के बाद संजय राउत ने कहा कि विपक्ष के संयुक्त प्रतिनिधिमंडल के लखीमपुर खीरी जाने के विषय पर चर्चा हुई है। इसके साथ उन्होंने प्रियंका गांधी वाड्रा की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि प्रियंका की हिम्मत विपक्ष को ऊर्जा देती है। उन्होंने कहा कि अगर कानून सभी के लिए एक है, तो फिर प्रियंका गांधी वाड्रा जेल में क्यों है और मंत्री क्यों घूम रहे हैं। इस बीच, कांग्रेस ने प्रियंका गांधी की गिरफ्तारी को लेकर सरकार को घेरा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता अश्विनी कुमार ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि क्या अब कोई किसी पर होने वाले जुल्म के खिलाफ भी खड़ा नहीं हो सकता। प्रधानमंत्री के लखनऊ कार्यक्रम का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बेहतर होता कि प्रधानमंत्री पीडि़त परिवारों से मुलाकात कर उनके आसूं पोछते।
शीर्ष अदालत की निगरानी में सीबीआइ जांच कराने की मांग
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की शीर्ष अदालत की निगरानी में सीबीआइ जांच कराने के लिए दो वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस को पत्र लिखा है। पत्र में कथित रूप से घटना में शामिल मंत्रियों को दंडित करने की भी मांग की गई है। वकील शिव कुमार त्रिपाठी और सीएस पांडा के पत्र में कहा गया है कि उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में किसानों की हत्या की गंभीरता को देखते हुए, यह आवश्यक है। इस अदालत को इस इस मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए। वकीलों ने दावा किया कि हाल के दौर में हिंसा देश में राजनीतिक संस्कृति बन गई है। लखीमपुर खीरी में किसानों के विरोध के दौरान हुई हिंसा में रविवार को चार किसानों सहित आठ लोग मारे गए। वकीलों ने कहा कि उप्र के इस हिंसाग्रस्त जिले में कानून के शासन की रक्षा करने की आवश्यकता है। पत्र में कहा गया है कि यह घटना उप्र सरकार और संबंधित नौकरशाहों के साथ-साथ गृह मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में कानून तोडऩे वाली पुलिस मशीनरी के खिलाफ निर्देश देने की मांग करती है ताकि हिंसा के चलन को रोका जा सके।वकीलों ने कहा कि उनके आवेदन को जनहित याचिका के रूप में माना जा सकता है, ताकि दोषियों को न्याय के दायरे में लाया जा सके।
पत्र में इस घटना में शामिल लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश देने के साथ ही शीर्ष अदालत की निगरानी में उच्च स्तरीय न्यायिक जांच समिति गठित करने की भी मांग की गई है।
बता दें कि रविवार को हुई इस घटना में आठ लोगों की मौत हो गई। वहीं कई अन्य घायल हो गए। किसानों की हत्या के आरोप में गृह राज्य मंत्री के बेटे आशीष मिश्र 'मोनू' समेत 14 के खिलाफ किसानों की ओर से मुकदमा दर्ज कराया गया है। वहीं, मारे गए सभी आठ लोगों के स्वजन को राज्य सरकार की ओर से 45-45 लाख रुपये व एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की घोषणा की गई है। वहीं सभी घायलों को दस-दस लाख रुपये दिए जाएंगे।
पुलिस को चकमा देकर टीएमसी सांसद पहुंची पीडि़त किसान परिवार के पास
टीएमसी सांसदों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मंगलवार को लखीमपुर हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों से मुलाकात की। अब सवाल ये है कि जहां सपा प्रमुख अखिलेश यादव और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी नहीं पहुंच सकी, टीएमसी सांसद आसानी से कैसे पहुंच गए? उन्होंने हिंसा में मारे गए किसानों के परिवारों से भी मुलाकात की। टीएमसी सांसदों का दावा है कि उन्होंने पर्यटक बनकर पुलिसकर्मियों को चकमा दिया। टीएमसी के प्रतिनिधिमंडल में सांसद काकोली घोष दस्तीदार, सुष्मिता देव, अबीर रंजन विश्वास, प्रतिमा मंडल और डोला सेन शामिल थे।
टीएमसी नेताओं ने पीटीआई को दिए एक बयान में दावा किया कि पुलिस द्वारा रोके जाने पर उन्होंने खुद को पर्यटक बताया। टीएमसी नेता डोला सेन ने कहा कि वे रविवार से लखीमपुर खीरी पहुंचने की कोशिश कर रहे थे लेकिन वे लखीमपुर दो दिन में पहुंचे। उन्होंने पलिया तहसील में मृतक किसान लवप्रीत सिंह (19) के परिजनों से मुलाकात की। जबकि दूसरे मृत किसान के रिश्तेदारों से मिलने वे धौरहरा तहसील गए। दोनों का अंतिम संस्कार उनके पैतृक स्थानों पर किया गया है।
हाल ही में कांग्रेस से टीएमसी ज्वाइन करने वाली राज्यसभा सांसद सुष्मिता देव ने कहा, लखीमपुर खीरी में मारे गए युवा किसानों के परिवार से मिलकर दिल टूट रहा है। सांसद ने कहा, पार्टी अध्यक्ष ममता बनर्जी काले कानूनों को निरस्त करने और भाजपा सरकारों के अन्यायों को रोकने के लिए किसानों के साथ खड़ी हैं।
उन्होंने सिंगूर में लड़ाई लड़ी और भारत के किसानों के लिए लड़ाई जारी रखने का आश्वासन दिया।
लोकसभा सांसद काकोली घोष दस्तीदार ने कहा, आरोपी एक राजनेता का बेटा है, उसने किसानों की हत्या की है और उसे दंडित किया जाना चाहिए। भारत एक लोकतांत्रिक देश है लेकिन पिछले कुछ वर्षों से देश से लोकतंत्र ही गायब है।" दस्तीदार ने कहा, "भाजपा एक निरंकुश सरकार की तरह शासन कर रही है। वे आरोपियों को छोड़कर बाकी निर्दोषों को सलाखों के पीछे डाल रहे हैं। उन्होंने पीएम मोदी पर भी निशाना साधा, कहा कि प्रधानमंत्री मोदी लखनऊ में हैं, पर वह लखीमपुर-खीरी नहीं गए। इससे सरकार की मंशा पता लगती है।''
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