लोकसभा में दिल्ली सेवा विधेयक पर बहस हो रही है। बहस की शुरुआत करते हुए गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि दिल्ली एक संघ शासित प्रदेश है और वहां संसद को कानून बनाने का अधिकार है। वहीं राज्यसभा सभापति जगदीप धनखड़ ने सदन की कार्यवाही सुचारू रूप से चलाने के लिए सभी दलों के नेताओं के साथ बैठक की। केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और प्रहलाद जोशी ने भी खरगे से उनके चैंबर में मुलाकात की और सदन को चलाने के लिए सहमति बनाने की कोशिश की गई।
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने डाटा प्रोटेक्शन बिल का विरोध करते हुए कहा कि मैं इस बिल का विरोध करता हूं। इस बिल के जरिए सरकार सूचना के अधिकार कानून को रौंदना चाहती है। इसलिए हम इस तरह के उद्देश्य का विरोध करेंगे। इस बिल को चर्चा के लिए स्टैंडिंग कमेटी के पास भेजा जाना चाहिए।
केंद्रीय आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने लोकसभा में डाटा प्रोटेक्शन बिल 2023 पेश किया। जिसका टीएमसी सांसद सौगत राय, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी और एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने विरोध किया।
अमित शाह ने कहा कि पूर्व में कई बड़े नेताओं जैसे पंडित नेहरू, पटेल और राजेंद्र प्रसाद, डॉ. अंबेडकर ने भी दिल्ली को पूर्ण राज्य का अधिकार देने का विरोध किया था। शाह ने कहा कि दिल्ली सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का मनपसंद हिस्सा ही पढ़ा। शाह ने कहा कि दिल्ली पर कानून बनाने का अधिकार संसद के पास है।