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जनता से रिश्ता वेबडेस्क | संसद में बुधवार को बताया गया कि देशभर के सरकारी इंजीनियरिंग कॉलेजों में एक भी सीट खाली नहीं है. कर्नाटक से भाजपा के राज्यसभा सदस्य के.सी. राममूर्ति ने रिक्त सीटों की संख्या पर शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने कहा कि वर्ष 2019-20 से 2021-22 तक सरकारी इंजीनियरिंग संस्थानों में स्वीकृत सीटों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है.
उन्होंने कहा, "एआईसीटीई ने नेशनल एजुकेशनल एलायंस फॉर टेक्नोलॉजी (एनईएटी) नाम से एक पोर्टल शुरू किया है, जिसका उद्देश्य युवाओं की रोजगार क्षमता को बढ़ाने के लिए शिक्षा प्रौद्योगिकी में सर्वश्रेष्ठ तकनीकी समाधान लाना है. ये समाधान बेहतर सीखने के परिणामों और कौशल विकास के लिए व्यक्तिगत और अनुकूलित सीखने के अनुभवों के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग करने को प्रेरित करते हैं."
सरकार ने यह भी कहा कि सरकार देश के सभी कोनों में समानता, गुणवत्ता, सामथ्र्य और पहुंच के साथ शिक्षा प्रदान करने में सक्षम है. एक पूरक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि कोविड-19 प्रेरित लॉकडाउन के बावजूद देश में इंजीनियरिंग के छात्रों के प्लेसमेंट में कमी नहीं आई है.
एआईसीटीई के चेयरमैन का क्या था बयान
ऑल इंडिया काउंसिल फॉर टेक्निकल एजुकेशन (एआईसीटीई) के चैयरमेन अनिल दत्तात्रेय सहस्त्रबुद्धी ने कुछ महीने पहले कहा था कि भारत में अगले दो वर्षों तक नए इंजीनियरिंग कॉलेज नहीं खुलेंगे. डॉ अनिल सहस्त्रबुद्धे ने बताया था कि इंजीनियरिंग कॉलेजों में आज भी 50 प्रतिशत से अधिक सीटें खाली हैं. यानी संसाधनों का पूरा उपयोग नहीं हो रहा है. इसलिए नए इंजीनियरिंग कॉलेजों पर निवेश करना सही नहीं है.
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