मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल के जेपी अस्पताल में पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने एक युवक की मौत होने के बाद अपने समर्थकों के साथ जमकर हंगामा किया. आरोप है कि इस दौरान डॉक्टरों के साथ बदसलूकी की गई. उनसे दुर्व्यवहार किया गया. इसी से दुखी होकर सीनियर डॉक्टर योगेश श्रीवास्तव ने अपनी सरकारी नौकरी से इस्तीफा दे दिया है. जेपी अस्पताल में एक युवक को गंभीर हालत में उसके परिजन लेकर पहुंचे थे. लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई. इसी मौत के बाद युवक और उसके परिजनों के साथ पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और उनके समर्थक अस्पताल पहुंचे. वहां पर उन्होंने जमकर हंगामा किया.
सिविल सर्जन जेपी अस्पताल को लिखे अपने इस्तीफे में डॉक्टर योगेंद्र श्रीवास्तव ने कहा कि युवक को गंभीर अवस्था में 12:30 बजे अस्पताल में लाया गया. इनकी ऑक्सीजन 30 थी. इनका इलाज 8 से 10 दिनों से चल रहा था. मरीज के आते ही उनके साथ वालों ने स्थिति स्पष्ट कर दी थी. अस्पताल में कोविड वार्ड में बेड उपलब्ध नहीं थे. उसकी हालत बाहर शिफ्ट करने की नहीं थी. उनका इलाज पूरे प्रोटोकॉल के साथ किया गया. लेकिन उसकी मृत्यु हो गई. उसकी मृत्यु के बाद कुछ बाहरी लोगों ने मेरे साथ दुर्व्यवहार किया. मेरे साथ गाली गलौज की. इससे मैं मानसिक रूप से बहुत दुखी होकर नौकरी से इस्तीफा दे रहा हूं. इस्तीफा देने वाले डॉक्टर योगेंद्र गुप्ता श्रीवास्तव ने यह भी कहा कि इस घटना के बाद मैं बहुत आहत हूं. मैं लगातार इस कोरोना काल में नौकरी कर रहा हूं. नोडल अधिकारी भी हूं. लेकिन इसके बावजूद भी अगर इस तरीके का व्यवहार किया जाएगा तो हम नौकरी कैसे करेंगे. मुझे रोना आ रहा है और मैं इसी से दुखी होकर इस्तीफा दे रहा हूं.