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नोएडा में बार या रेस्टोरेंट के लाइसेंस लेने से पहले फायर विभाग की एनओसी जरूरी

jantaserishta.com
4 Dec 2022 8:21 AM GMT
नोएडा में बार या रेस्टोरेंट के लाइसेंस लेने से पहले फायर विभाग की एनओसी जरूरी
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गौतमबुद्ध नगर (आईएएनएस)| राजधानी दिल्ली से सटा हुआ गौतमबुद्ध नगर उत्तर प्रदेश का शो विंडो है और एनसीआर का मुख्य भाग भी। यहां पर एक तरफ गगनचुंबी इमारतें हैं तो दूसरी तरफ तेज स्पीड में दौड़ती मेट्रो। यहां रहने वाले लोगों को यह एहसास होता है कि वह एक विकासशील देश में रहते हैं।
लेकिन अगर आग लगने की दुर्घटनाओं की बात करें तो वह भी इस जिले में सबसे ज्यादा होती हैं। ऐसे में संबंधित विभाग की जिम्मेदारी बहुत ज्यादा बढ़ जाती है कि वह आग लगने की घटनाओं पर काबू पाए और लोगों को सुरक्षित बचाएं। गौतमबुद्ध नगर के बीते 4 महीनों के आंकड़ों ने यह साफ कर दिया है कि आग लगने की घटनाओं में काफी वृद्धि हुई है।
इसको लेकर फायर विभाग अब सजग हो चुका है। मगर बात करें यहां के बार और रेस्टोरेंट की तो उनके लिए कानून बिल्कुल अलग है। अगर आपको यहां पर रेस्टोरेंट या बार खोलना है तो उसका लाइसेंस लेने से पहले आपको फायर की एनओसी बेहद जरूरी होगी। यानी कि धंधा शुरू करने से पहले सारे क्लीयरेंस लेने होंगे जो अपने आप में ठीक भी है।
गौतमबुध नगर की अगर बात करें तो बीते 4 महीनों में यहां पर लगभग 288 घटनाएं आग लगने की हुई हैं जो अलग-अलग जगहों पर हुई। जिनमें सबसे ज्यादा घटनाएं औद्योगिक क्षेत्र में फैक्ट्रियों में हुई है। महीने के हिसाब से अगर बात की जाए तो साल 2022 के जुलाई महीने में आग लगने की 81 घटनाएं हुई हैं। अगस्त महीने में आग लगने की 56 घटनाएं हुई।
सितंबर माह में आग लगने की 60 घटनाएं सामने आई थी। अक्टूबर माह में आग लगने की अभी तक सबसे ज्यादा घटनाएं सामने आई हैं जो 91 है। इन 4 महीनों का कुल जोड़ 288 होता है। आग लगने की इन सभी घटनाओं में ज्यादातर देखने को मिला है कि जिन जगहों पर यह घटनाएं हुई हैं उन जगहों पर अगर फायर फाइटिंग के इक्विपमेंट्स लगे हैं तो वह सिर्फ शोपीस के तौर पर लगे हैं या फिर काफी पुराने हो चुके हैं।
गौतमबुद्ध नगर में 2 तरीके से बार या रेस्टोरेंट्स चलाए जाते हैं। या तो बार या रेस्टोरेंट किसी मॉल में होते हैं। या फिर वह इंडिविजुअल तौर पर खोले जाते हैं। दोनों में से पहली प्रक्रिया में अगर बार या रेस्टोरेंट किसी मॉल में है तो उन्हें फायर एनओसी लेने की कोई जरूरत नहीं होती, क्योंकि फायर एनओसी की रिक्वायरमेंट मॉल प्रबंधन को होती है और मॉल प्रबंधन को मिले फायर एनओसी के लाइसेंस से ही बार का मालिक अपना बार संचालित कर सकता है।
वहीं दूसरी तरफ अगर कोई इंडिविजुअल तौर पर अपना बार ओपन करना चाहता है तो उसे फूड, फायर, पुलिस, जीएसटी, समेत कई विभागों से पहले ही एनओसी जुटानी होती है। उसके बाद वह बार लाइसेंस के लिए अप्लाई कर सकता है। अगर उसके पास यह सारी एनओसी नहीं है तो उसे बार लाइसेंस नहीं मिलेगा।
सबसे बड़ी बात है कि अब नियमों में संशोधन किया गया है और पहले यह सारी एनओसी 200 स्क्वायर मीटर के बार को खोलने के लिए चाहिए होती थीं लेकिन अब यह 100 स्क्वायर मीटर में भी बार खोलने वाले के लिए भी अनिवार्य कर दी गई हैं।
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