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नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव दाखिल किया।
पूर्ण बहुमत में मोदी सरकार
संसद का मॉनसून सत्र जारी है, लेकिन मणिपुर हिंसा को लेकर दोनों सदनों में खूब शोर-शराबा हो रहा है और सत्र के पहले तीन हंगामें की भेंट चढ़ चुके हैं। इस बीच खबर है कि विपक्षी गठबंधन यानी भारतीय राष्ट्रीय विकास समावेशी गठबंधन (INDIA) ने लोकसभा में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का फैसला किया है। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को दावा किया। ‘INDIA’ के घटक दलों के नेताओं की मंगलवार सुबह हुई बैठक में अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस दिए जाने के संदर्भ में चर्चा की गई।
अविश्वास प्रस्ताव क्या है?
अविश्वास प्रस्ताव (नो कॉन्फिडेंस मोशन) लाने के कई कारण हो सकते हैं। सबसे प्रमुख तब होता है, जब लोकसभा में विपक्ष के किसी दल को लगता है कि मौजूदा सरकार के पास बहुमत नहीं है या फिर सरकार सदन में विश्वास खो चुकी है, तो वह अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है। अविश्वास प्रस्ताव केवल लोकसभा में ही लाया जा सकता है। सदन का कोई भी सदस्य अविश्वास प्रस्ताव पेश कर सकता है। सदस्य को सुबह 10 बजे से पहले प्रस्ताव की लिखित सूचना देनी होती है और कम से कम 50 (सांसद) सदस्यों को प्रस्ताव स्वीकार करना होता है। इसके बाद स्पीकर प्रस्ताव पर चर्चा की तारीख तय करते हैं। अविश्वास प्रस्ताव लाए जाने के बाद सत्ताधारी पार्टी को साबित करना होता है कि उनके पास बहुमत है। अगर बहुमत साबित नहीं हो पाता है तो फिर सत्ता में मौजूद पार्टी को इस्तीफा देना होता है। राज्यसभा के सांसद वोटिंग प्रक्रिया में भाग नहीं ले सकते।
#WATCH | Leader of Congress in Lok Sabha, Adhir Ranjan Chowdhury says, "We are moving the No Confidence Motion (against the Government)..." pic.twitter.com/1sIB7bHQig
— ANI (@ANI) July 26, 2023
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