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नीति आयोग ने दिल्ली सरकार को दी सलाह, कहा- कोरोना को लेकर सावधान रहें, अगले 3 महीने काफी महत्वपूर्ण
Deepa Sahu
23 July 2021 6:43 PM GMT
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नीति आयोग (NITI Aayog) के सदस्य वी. के. पॉल ने दिल्ली सरकार से कहा है
नीति आयोग (NITI Aayog) के सदस्य वी. के. पॉल ने दिल्ली सरकार से कहा है कि सावधान रहें क्योंकि अगले तीन महीने काफी महत्वपूर्ण हैं और गतिविधियों को अनलॉक करने से कोरोना वायरस के मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है। दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की नौ जुलाई को हुई बैठक में उन्होंने सुझाव दिए कि राजधानी में किसी भी तरह की यात्रा पाबंदियां लगाने से पहले दिल्ली सरकार केंद्र से संपर्क करे।
डॉ. पॉल ने कहा कि अनलॉक करने की गतिविधियों से मामलों में बढ़ोतरी हो सकती है। हालांकि, फिलहाल संक्रमण दर सबसे कम है। 20 जुलाई को बैठक का ब्यौरा सार्वजनिक किया गया। नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) ने कहा कि अगले तीन महीने महत्वपूर्ण हैं, हमें सावधान रहने की जरूरत है। मुख्य सचिव विजय देव ने कोरोना वायरस के वैरिएंट डेल्टा प्लस की 12 राज्यों में मौजूदगी की बात कही और पूर्वोत्तर भारत में ज्यादा संक्रमण दर का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि दिल्ली ने पहले कुछ पाबंदियां लगाई थीं जैसे आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और महाराष्ट्र से आने वाले यात्रियों के लिए निगेटिव आरटी-पीसीआर रिपोर्ट दिखाना आवश्यक किया गया था।
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अंतरराज्यीय यात्रा पर पाबंदी से पहले केंद्र की सलाह लें
पॉल ने सुझाव दिया कि दिल्ली से जुड़ी अंतरराज्यीय यात्रा पर किसी भी तरह की पाबंदी लगाने से पहले भारत सरकार की सलाह लेनी चाहिए क्योंकि यह देश की राजधानी है। डीडीएमए की बैठक की अध्यक्षता करने वाले उपराज्यपाल अनिल बैजल ने सुझाव दिया कि निगेटिव आरटी-पीसीआर जांच रिपोर्ट मांगने के बजाय टीकाकरण प्रमाण पत्र को मानक बनाया जाना चाहिए क्योंकि इससे टीकाकरण को बढ़ावा भी मिलेगा। राजधानी में कोविड-19 प्रबंधन की नीतियां डीडीएमए बनाता है.
मुख्य सचिव देव ने बैठक में निजी सेक्टर के पास बिना इस्तेमाल के टीकों का स्टॉक पड़े होने का मुद्दा उठाया। पॉल ने सुझाव दिए कि दिल्ली प्रशासन इस तरह के टीकों के स्टॉक को खरीदने सहित विकल्पों की तलाश कर सकता है और समाज के खास वर्ग के जल्द टीकाकरण पर ध्यान दे सकता है।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद् (ICMR) के डॉ. समीरन पांडा ने डीडीएमए से कहा कि कोविड-19 की तीसरी लहर, दूसरी लहर जितनी घातक होने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि विभिन्न राज्यों ने दूसरी लहर में अलग-अलग तरह से स्थिति का सामना किया। डॉ. पांडा ने कहा कि संभावित तीसरी लहर के प्रभाव को कम करने के लिए टीकाकरण के प्रयास तेज किए जाने चाहिए।
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