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नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को लोकसभा में कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (GST) से जुड़े बकाये की राशि महा लेखाकार (एजी) का प्रमाणपत्र मिलने के बाद जारी कर दी जाती है, लेकिन कई राज्यों से यह प्रमाणपत्र नहीं मिला है. उन्होंने सदन में द्रमुक सांसद ए राजा के पूरक प्रश्न के उत्तर में यह भी कहा कि राज्यों को एजी प्रमाणपत्र देने को लेकर 'सक्षम' होना पड़ेगा.
सीतारमण ने कहा कि जीएसटी मुआवजा कब दिया जाएगा, यह फैसला केंद्र सरकार नहीं करती. यह फैसला जीएसटी परिषद करती है. इस परिषद में सभी राज्यों के वित्त मंत्री बैठकर फैसला करते हैं. उनका कहना था कि जीएसटी से जुड़ी मुआवजा राशि जारी करने में विलंब केंद्र के स्तर पर नहीं हो रहा है, यह विलंब राज्यों की ओर से एजी प्रमाणपत्र नहीं देने के कारण हो रहा है. सीतारमण ने कहा कि मैं सदन को बताना चाहती हूं कि राज्य सरकार को इसे लेकर सक्षम होना पड़ेगा कि एजी प्रमाणपत्र दिया जाए. उन्होंने केरल से आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन के पूरक प्रश्न के उत्तर में कहा कि राज्य सरकार ने पिछले कई वर्ष से एक भी एजी प्रमाणपत्र नहीं भेजा है, इसलिए जीएसटी बकाया जारी नहीं किया जा सका है.
वित्त मंत्री ने कहा कि वित्त आयोग की सिफारिश के अनुसार बकाया राशि के लिए भुगतान के लिए एजी का प्रमाणपत्र जरूरी है. उन्होंने कहा कि यदि सदस्य राज्य सरकार के साथ बैठकर सारे वर्ष के प्रमाणपत्र एक बार में भी केंद्र को भिजवा देंगे, तो तुरंत उसकी बकाया राशि जारी कर दी जाएगी. सीतारमण ने कहा कि इसके लिए केंद्र को जिम्मेदार ठहराना ठीक नहीं है.
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